जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने कॉलेज व्याख्याता भर्ती-2015 में वर्ष 2009 से पूर्व पीएचडी करने वाले अभ्यर्थियों को नेट व स्लेट की छूट नहीं देने पर प्रमुख उच्च शिक्षा सचिव, कॉलेज शिक्षा आयुक्त और आरपीएससी सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को चयन प्रक्रिया में शामिल करने को कहा है। न्यायाधीश वीएस सिराधना की एकलपीठ ने यह आदेश पूजा पारीक की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने 12 जनवरी 2015 को कॉलेज व्याख्याता पद के लिए भर्ती निकाली। भर्ती में यूजीसी के वर्ष 2009 के नियमों के तहत ऐसे अभ्यर्थियों को नेट व स्लेट की छूट दी गई, जिन्होंने वर्ष 2009 से पूर्व पीएचडी पूरी कर ली है। इसके अलावा छूट लेने के लिए इन अभ्यर्थियों के पास नियमित पीएचडी, दो बाहरी परीक्षकों की ओर से शोध प्रबंधन का मुल्याकंन, मौखिक साक्षात्कार और दो शोध पत्रों के प्रकाशन के साथ ही दो संगोष्ठियों में भाग लेने का अनुभव भी होना चाहिए। इसके बावजूद याचिकाकर्ता को यह कहते हुए चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं किया कि याचिकाकर्ता के पास नेट या स्लेट नहीं है। जबकि याचिकाकर्ता यूजीसी नियमों के तहत पर्याप्त पात्रता रखती है। जबकि याचिकाकर्ता यूजीसी नियमों के तहत पर्याप्त पात्रता रखती है। ऐसे में याचिकाकर्ता को चयन प्रक्रिया में शामिल कराया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता को चयन प्रक्रिया में शामिल करने को कहा है।