जयपुर। राजस्थान राज्य रोड विकास निगम (आरएसआरडीसी) के एमडी और प्रोजेक्ट निदेशक को राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश एस पी शर्मा की एकलपीठ ने नोटिस जारी कर पूछा है कि जब स्टेट टोल नाकों पर निजी वाहनों से वसूली नहीं की जा रही है तो इसकी पूरी छूट टोल ठेकेदार को क्यों नहीं दी जा रही।
इस संबंध में टोल संग्रहकर्ता क्षितिज कुमार ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया कि वह 186 किलोमीटर लंबे कोटपूतली-कुचामन स्टेट हाईवे पर टोल संग्रह का काम करता है। हाईवे पर 5 टोल नाकें हैं। आरएसआरडीसी ने 12 से 19 मार्च तक सर्वे कर यह माना था कि एक टोल नाके से रोजना 1151 निजी चौपहिया वाहन गुजरते हैं। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद स्टेट टोल नाकों को निजी चौपहिया वाहनों के लिए फ्री घोषित किया गया है। उसे 1151 वाहनों की बजाय केवल 8०6 निजी वाहनों को ही आधार मानकर टोल ठेका राशि की छूट दी है।