जयपुर। अजमेर स्थित संरक्षित इमारत मैग्ंजीन बिल्डिंग और अनासागर स्थित बारादरी में हुए अतिक्रमण के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश जी के व्यास और न्यायाधीश जी आर मूलचंदानी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को नियमानुसार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरु करने एवं अब हो रहे नये अवैध निर्माण को रोकने के आदेश दिए हैं।
प्रबुद्ध मंच की ओर से दायर याचिका का निस्तारण करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश में कहा हैं कि दिल्ली हाईकोर्ट में मैसर्स एसएस डवलपर्स का प्रकरण लंबित रहने तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाए।
मैंग्जीन बिल्डिंग में 1615 में जहांगीर ने झरोखा दर्शन के दौरान थॉमस रॉय को भारत में कारोबार करने की अनुमति दी थी। भारत सरकार ने इस बिल्डिंग और आना सागर स्थित बारादरी को संरक्षित इमारत घोषित कर रखा है। इन परिसरों की 1०० मीटर की परिधि में किसी भी तरह के निर्माण से पूर्व आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की अनुमति जरूरी है। फिर अवैध निर्माण हो चुके हैं। सुनवाई के दौरान केन्द्ग सरकार ने मौके पर मौजूद करीब 18० अतिक्रमणों की सूची पेश की। केन्द्ग ने कहा कि इन्हें हटाने की कार्रवाई राज्य सरकार को करनी है।