जयपुर। शॉर्ट टर्म परमिट या अन्य किसी नाम पर कृषि भूमि पर बजरी खनन करने की अनुमति देने पर राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश एस पी शर्मा की एकलपीठ ने पाबंदी लगाते हुए सभी जिला कलक्टर्स को बजरी का उपयोग रोकने के लिए एसआईटी गठित करने के आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट ने आदेश में कहा है कि एसआईटी बजरी का उपयोग होने वाली हर जगह पर छापा मारे और बिल्डर पर जुर्माना लगाए। बजरी की कालाबाजारी रोकने के लिए संबंधित पुलिस अधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाये। हाईकोर्ट ने प्रमुख खान सचिव, खान निदेशक, पर्यावरण मंत्रालय के सचिव सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
इस संबंध में संजय गर्ग ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 15 जनवरी, 2०16 को नोटिफिकेशन जारी कर नदियों में वैज्ञानिक तरीके से बजरी पुनर्भरण का अध्ययन किए बिना बजरी खनन नहीं करने का प्रावधान किया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट भी इस आधार पर 16 नवंबर, 2०17 को अध्ययन नहीं होने तक बजरी खनन पर रोक लगा दी। लेकिन सरकार नदी क्षेत्र से जुडी कृषि भूमि पर शॉट टर्म परमिट के नाम पर खनन की अनुमति दे रही है।