Settlement of objections filed against the food items found in hostels

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2016 में एमबीसी को मिलने वाले एक फीसदी आरक्षण के तहत याचिकाकर्ताओं के दिए दो पद सुरक्षित रखने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश वीएस सिराधना की एकलपीठ ने यह आदेश नरेशकुमार गुर्जर व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि 28 अप्रैल 2016 को आरएएस भर्ती निकाली गई थी। जिसमें एसबीसी वर्ग को 5 फीसदी आरक्षण दिया गया था, लेकिन हाईकोर्ट ने एक अन्य मामले में सुनवाई करते हुए एसबीसी आरक्षण रद्द कर दिया था। याचिकाकर्ताओं ने ओबीसी वर्ग में शामिल होकर मुख्य परीक्षा दी और 17 अक्टूबर 2017 को जारी परिणाम में वह चयन सूची में आ गए।

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने गत 28 जनवरी को अधिसूचना जारी कर एमबीसी को 1 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया। यह आरक्षण 20 दिसंबर 2017 से लागू किया गया। याचिका में कहा गया कि एमबीसी वर्ग में एसबीसी में शामिल जातियों को ही रखा गया है। इसके अलावा राज्य सरकार ने भरतपुर और धौलपुर के जाटों के लिए पुन: आरक्षण को लागू करते समय प्रक्रियाधीन सभी भर्तियों में इसका लाभ दिया था। ऐसे में आरएएस भर्ती 2016 में भी एमबीसी को एक फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एमबीसी के दो पद याचिकाकर्ताओं के लिए सुरक्षित रखने के आदेश दिए हैं।

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