– एसीएस अशोक सिंघवी का शराब मुकदमा बंद कराने का प्रार्थना पत्र खारिज, शराब का मुकदमा बंद कराने की कोर्ट से मांगी थी अनुमति
जयपुर। राज्य सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक सिंघवी की ओर से एमएम-1० जयपुर मेट्रो में अवैध शराब से जुड़ा मुकदमा बंद कराने के लिए कोर्ट से अनुमति लेने का प्रार्थना पत्र जज सीमा कुमारी ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि अदालत को आबकारी प्रकरणों में संयोज्य कराने की अनुमति देने या आपत्ति करने का क्ष्ोत्राधिकार नहीं है। यह विशिष्ट रूप से आबकारी आयुक्त का क्ष्ोत्राधिकार है।
इससे पूर्व प्रार्थी सिंघवी की ओर से अर्जी पेश कर कोर्ट को बताया कि राजस्थान आबकारी एक्ट-195० की धारा 7० के तहत आबकारी अपराधों को शमनित करने की शक्तियां आबकारी अधिकारी को प्रदत्त है। उपरोक्त प्रकरण अपवादित प्रकरणों की श्रेणी में नहीं आता है। यह प्रकरण शमनीत करने योग्य अपराध की श्रेणी में आता है। सिंघवी ने लम्बित मुकदमें को आबकारी विभाग के विभागीय स्तर पर आबकारी आयुक्त से संयोज्य कराने की अनुमति प्रदान करने की गुहार की थी।
यह है मामला : एसीबी ने खान से जुड़े मामले में सिंघवी को 16 सितम्बर, 2०15 को सरकारी निवास-7, अस्पताल मार्ग, सी-स्कीम से गिरफ्तार किया था। घर की तलाशी में 1०4 तरह की 177 बोतल शराब की मिली थी, जिनका वैध अनुज्ञा पत्र नहीं था। एसीबी में एएसपी मनीष त्रिपाठी ने अशोक नगर थाने में एक्ट की धारा 14 व 19/54 के तहत मुकदमा दर्ज कराया। अशोक नगर पुलिस ने सिंघवी को 4 दिसम्बर को गिरफ्तार कर 21 दिसम्बर, 2०15 को कोर्ट में चालान पेश किया था। सिंघवी को कोर्ट से 23 अप्रेल, 2०17 को जमानत मिली थी। कोर्ट में अब तक 24 बार सुनवाई हो चुकी है। चार्ज बहस के लिए कोर्ट ने 2० अगस्त की आगामी तारीख दी है।