High Court responds to clean sweeper's job

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने रामनिवास बाग में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका को याचिकाकर्ता की ओर से वापस लेने के चलते खारिज कर दिया। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को छूट दी है कि वे चाहे तो नए सिरे से याचिका दायर कर सकते हैं। न्यायाधीश केएस झवेरी और न्यायाधीश वीके व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश रामनिवास बाग बचाओ संघर्ष समिति व अन्य की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में कहा गया कि रामनिवास बाग से दुकानदारों को हटाने को लेकर वर्ष 1993 से वर्ष 2009 तक करीब पन्द्रह आदेश हो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट भी दुकानदारों की एसएलपी को खारिज कर चुकी है। इसके बावजूद यहां मसाला चौक में व्यावसायिक गतिविधियां आरंभ कर दी गई हैं। पीडब्ल्यूडी और उद्यान सहायक भी इस संबंध में अपनी आपत्ति जता चुके हैं। इसके बावजूद यहां व्यावसायिक गतिविधियां शुरू की गई हैं। सुनवाई के दौरान अदालत ने आपत्ति जताते हुए कहा कि याचिकाकर्ता संस्था रजिस्टर्ड नहीं है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने की मंशा जताई। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने याचिका को वापस लेने के आधार पर खारिज करते हुए नए सिरे से याचिका दायर करने की छूट दी है।

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