-फिल्म अंग्रेजी में कहते हैं का प्रमोशनल इवेंट
जयपुर बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर संजय मिश्रा का कहना है उन्हें अपनी जिदंगी से खास रोमांस है, क्योंकि जो इंसान अपनी जिंदगी से रोमांस नहीं कर सकता, समझो उसे जिंदगी जीने का सही सलीका मालूम नहीं। इस भागती-दौड़ती जिंदगी में लोगों के पास रोमांस करने के लिए वक्त नहीं है, ऐसे में मुझे हर चीज में रोमांस दिखता है फिर चाहे वे सब्जी हो या फिर क्लासिकल म्यूजिक हो या फिर पेड़-पौधे, मुझे सभी में एक खास रोमांस नजर आता है।
संजय मिश्रा अपनी अपकमिंग फिल्म ‘अंग्रेजी में कहते हैं’ का प्रमोशन करने पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने फिल्म के सभी कलाकारों अंशुमान झा, शिवानी रघुवंशी और इकवाली खन्ना व निर्देशक हरीश व्यास ने साथ मिलकर शहर में फिल्म का प्रमोशन किया। इन कलाकारों ने यहां मालवीय नगर स्थित सीजलिन सीजर्स में पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। इससे पूर्व सीजलिन सीजर्स के सीईओ वनीश चुघ ने सभी कलाकारों का स्वागत किया। इस मौके पर संजय मिश्रा ने कहा कि अभी तक फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभाने का अवसर मिला है, लेकिन पहली बार ‘अंग्रेजी में कहते हैं’ फिल्म में रोमांस करने का सौभाग्य मिला है।
संजय मिश्रा ने भारतीय सिनेमा पर बात करते हुए कहा कि यह सच है कि पिछले कई सालों में फिल्म इंडस्ट्री ने देश के कल्चर को खत्म कर दिया है। जिसके चलते आने वाली पीढिय़ां शायद ही हिन्दुस्तान की तमीज-तहजीब और कल्चर को शिद्दत से महसूस कर पाएं। उनका कहना है कि सिर्फ पैसा कमाने के उद्देश्य से फिल्में बनाई जा रही है, लेकिन देश की कला, साहित्य किस ओर जा रही है इसकी किसी को चिंता नहीं है। आज अच्छी फिल्मों का पैमाना भी उसकी कमाई से लगाया जा रहा है। ऐसे में देश का कल्चर कहां से आगे बढ़ेगा। उन्होंने दु:ख जताते हुए कहा कि मुझे इस बात का बड़ा अफसोस है कि मैं भी इस सिस्टम का हकदार बन रहा हूं। फिल्म के कलाकार अंशुमान झा ने बताया कि प्यार-मोहब्बत पर आधारित इस फिल्म की सबसे बड़ी यूएसपी इसका मैसेज है। इसकी कहानी यशवंत बत्रा यानि के संजय मिश्रा से शुरू होती है जो 50 पार कर चुके हैं और पोस्ट ऑफिस में काम करते हैं। उनके हिसाब से पति और पत्नी के बीच प्रेम का मतलब है सिर्फ दा पत्य जीवन है। लेकिन दोनों ही कभी भी एक-दूसरे की तारीफ नहीं करते और ना ही एक-दूसरे को आई लव यू कहते हैं। वहीं अंशुमान झा ने बताया कि यशवंत बत्रा का पात्र धीरे-धीरे जीवनसाथी की अहमियत समझने लगता है। उसे अहसास होता है कि भारत के करोड़ों पतियों की तरह उससे भी कितनी बड़ी गलती हो गई। शिवानी रघुवंशी ने बताया कि यह फिल्म 18 मई को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी।