जयपुर। दुकानदार की ओर से विक्रय बिल पर नो एक्सचैंज, नो रिटर्न लिखने को राज्य उपभोक्ता आयोग ने उपभोक्ता के हितों के विपरीत बताते हुए कहा है कि उपभोक्ता का अधिकार है कि वह वस्तु की गुणवत्ता के संबंध में गारंटी प्राप्त करे और नियत अवधि में उसे लौटा भी सके।
आयोग ने विक्रेता आरी-तारी फैशंस को निर्देश दिए हैं कि वह अपने बिल पर इन शर्तो का हवाला ना दे। इस संबंध में मनीष कुमावत ने अपील दायर कर आयोग को बताया कि उसने जौहरी बाजार स्थित आरी तारी फैशंस से 1300 रुपए की साड़ी खरीदी थी, जिसके बिल पर लिखा था कि न तो वस्तु बदली जाएगी और न ही वापस ली जाएगी। इसके अलावा रंग, कपड़ा और जरी की भी कोई गारंटी नहीं है।
खरीदने के अगले दिन जब साड़ी बदलवानी चाही तो दुकानदार ने इनकार कर दिया। इस पर उसने जिला मंच उपभोक्ता संरक्षण में परिवाद पेश किया। मंच ने व्यापारी का सेवादोष मानते हुए साड़ी बदलने एवं 5 हजार रुपए का हर्जाना देने के आदेश दिए। ग्राहक ने बिल पर लिखी शर्तो को रद्द कराने के लिए आयोग में अपील की।