जयपुर। राजस्थान के श्रीमाधोपुर के बीजेपी विधायक झाबर सिंह खर्रा एक दशक पुराने घटिया पाइप मामले में फंस गए हैं। करीब पन्द्रह लाख रुपए की इस घोटाले के वक्त वे श्रीमाधोपुर पंचायत समिति के प्रधान थे। जलदाय विभाग के इस घोटाले में एसीबी ने तत्कालीन अभियंता, बीडीओ व लेखाकार को दोषी मानते हुए गिरफ्तार कर लिया है। जांच में एसीबी ने तत्कालीन प्रधान और वर्तमान में विधायक झाबर सिंह खर्रा को भी दोषी माना है। ऐेसे में खर्रा पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। एसीबी जयपुर (देहात) की टीम ने 2011 में मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में ठेकेदार के साथ ही श्रीमाधोपुर के तत्कालीन एईएन, बीडीओ, अकाउटेंट और प्रधान को आरोपी बनाया था। इन पर ठेकेदार से मिलीभगत कर पेयजल सप्लाई के लिए खरीदे गए पाइपों में तय मानक की जगह घटिया पाइप खरीद कर 14.14 लाख का गबन करने का आरोप है।
तत्कालीन बीडीओ उम्मेद सिंह को सवाईमाधोपुर से शुक्रवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया। वे वर्तमान में कृषि पंत भवन में कार्यरत हैं। एसीबी इन्हें सवाईमाधोपुर से गिरफ्तार कर जयपुर ले आई है। उम्मेद सिंह को शनिवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है। इससे पहले शुक्रवार को एसीबी ने श्रीमाधोपुर के तत्कालीन जेईएन और वर्तमान में दूदू में कार्यरत कृष्ण कुमार और जूनियर अकाउटेंट नेहरू लाल को गिरफ्तार किया था। इन्हें एसीबी ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। गौरतलब है कि श्रीमाधोपुर (सीकर) में 2006 में पेयजल सप्लाई के लिए एक निविदा जारी की गई थी। इसमें आरोपी अधिकारी एवं ठेकेदार ने मिलीभगत कर फर्जी निविदा जारी कर दी। यह निविदा 13 लाख की जारी की गई थी लेकिन विभाग से 28 लाख का भुगतान करवाया गया। इस मामले में एसीबी मुख्यालय में परिवाद दर्ज हुआ था। जांच के बाद एसीबी ने आरोपियों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया।