नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज रविवार को आकाशवाणी पर प्रसारित मासिक कार्यक्रम मन की बात में बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए छात्रों से कहा कि वे इसे बोझ की तरह नहीं लें, बल्कि इसे उत्सव की तरह अपनाएं। परीक्षा के दिनों में दिल और दिमाग को तनाव से दूर रखें। पीएम मोदी ने परीक्षा से जुड़े विषयों पर छात्रों, उनके अध्यापकों और अभिभावकों के नाम संदेश में कहा कि परीक्षा पूरे जीवन की सफ लता या असफ लता का पैमाना नहीं मानी जानी चाहिए।
यह अनपे प्रयासों को आंकने का एक जरिया भर है। इसलिए मन और दिमाग पर ज्यादा बोझ डालना उचित नहीं होगा। पूरे विश्वास के साथ परीक्षा में बैठे। नींद पूरी करने का मतलब ये नहीं है कि बस सोते ही रहें। कोई ये न कहे कि प्रधानमंत्री जी ने कह दिया है। अब बस जागने की जरूरत नहीं है। सोते रहना है। ऐसा मत करना, वरना आपके परिवार जन मुझसे नाराज़ हो जाएंगे। भरपूर नींद लें। इससे पढऩे की ताकत में इजाफ ा होगा। मोदी ने कहा कि परीक्षा में तीन जरुरी बातें हैं। आराम, पूरी नींद और शारीरिक गतिविधि। परीक्षा में नकल नहीं करें। इससे कभी फायदा नहीं होता है। मोदी ने क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे अनुस्पद्र्धा आपको सफल बनाती है। प्रतिस्पद्र्धा एक बहुत बड़ी मनोवैज्ञानिक लड़ाई है। जीवन आगे बढ़ाने के लिए प्रतिस्पद्र्धा काम नहीं आती है, बल्कि इसके लिए तो अनुस्पद्र्धा काम आती है। जब मैं अनुस्पद्र्धा कहता हूं तो उसका मतलब है, स्वयं से स्पद्र्धा करना। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जीवन में आपको नॉलेज, स्किल, आत्मविश्वास और संकल्पशक्ति काम आने वाली है। तनाव मुक्त होकर अध्ययन करके परीक्षा देंवे। पीएम मोदी ने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए।