jaipur. राजस्थान की उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने कहा कि काँग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आपातकाल लागू करने वाली प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी का यशोगान, गुणगान करके यह साबित कर दिया कि काँग्रेसी सŸाा प्राप्ति के लिए वंशवाद को ही बढ़ावा दे रहे है। गहलोत जी ने इन्दिरा गाँधी जी का गुणगान तो कर लिया, लेकिन आपातकाल की हिटलरशाही को भूल गये।
किरण माहेश्वरी ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आजादी के पश्चात् काँग्रेस सरकार के द्वारा लगाये गये आपातकाल ने देश को एक जेल के रूप में परिवर्तित कर दिया था। काँग्रेस ने राजनैतिक नेताओं, पत्रकारों एवं सभी पर पाबंदी लगाने का सबसे बड़ा कालखण्ड बना दिया था। आपातकाल में जनता की चुनी हुई काँग्रेस सरकार ने जनता को ही धोखा दिया और तरह-तरह के अत्याचारों की दास्तान सामने आई।
माहेश्वरी ने कहा कि भाजपा सरकार ने श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में किसानों की कर्ज माफी कर ऐतिहासिक निर्णय लिया और गहलोत जी ‘‘खजाना खाली का बहाना’’ लगाकर किसानों का हित नहीं कर पायें। आज जब भाजपा सरकार 28 लाख किसानों का हित कर रही है, तो गहलोत जी के पेट में दर्द क्यों हो रहा है ? मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में विकास कार्यों में कभी भी धन की कमी नहीं आई, वहीं गहलोत जी ने खजाना खाली का रोना ही रोया। काँग्रेस सरकार के समय में तो समर्थन मूल्य पर फसल खरीद के केन्द्र ही खाली रहते थे, जबकि भाजपा सरकार में काँग्रेस से ज्यादा किसानों के लिए केन्द्र खोले गये और समर्थन मूल्य पर खरीद जारी है। राजस्थान सरकार किसानों को ऋण देने अथवा कर्ज माफी मामले में सदैव काँग्रेस से अग्रणी रही है।
किरण माहेश्वरी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत जी जनता को भ्रमित कर रहे है, जबकि उनके कार्यकाल में राजस्थान की महिलाऐं असुरक्षित हो गई थी, महिलाऐं न घर में और ना हीं बाहर सुरक्षित थी। काँग्रेस के कार्यकाल में दलित अत्याचार, महिला अत्याचारों में राजस्थान अव्वल था। इसलिए राहुल गाँधी को गहलोत सरकार की हकीकत जानने के लिए राजस्थान आना पड़ा। राहुल गाँधी के आने की तैयारियों में मंत्री ही मंत्री से नाराज दिखायी दिये थे।
माहेश्वरी ने कहा कि आज सम्पूर्ण देश में राजस्थान गोपालन मंत्रालय बनाने वाला पहला राज्य बना और सरकार बनते ही गोपालन विभाग का गठन हुआ और अलग से गोपालन मंत्रालय स्थापित हुआ। काँग्रेस ने मात्र अपने कार्यकाल में बातें ही की है। पहली बार गायों के संरक्षण के लिए राजस्थान गौ-संरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम बनाये है और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित सलाहकार समिति गौशालाओं में गौवंश संरक्षण एवं उनके चारा-पानी, पशुआहार की व्यवस्था करते है। सम्पूर्ण प्रदेश में 1191 गौशालाओं में 13206.24 लाख रूपये व्यय किये जा चुके है। प्रदेश मंे पंजीकृत गौशालाओं की जियो टैगिंग करायी जायेगी, लगभग 1670 गौशालाओं की जियो टैगिंग की जा चुकी है।