जयपुर। राजस्थान में पूर्व सीएम अशोक गहलोत व कांग्रेस के ओबीसी वोटों में सेंधमारी करने के लिए भाजपा राजस्थान ने बड़ा दांव खेला है। बीजेपी राजस्थान ने प्रदेश अध्यक्ष पद पर राज्यसभा सांसद व पार्टी के वरिष्ठ नेता मदन लाल सैनी की ताजपोशी की है। मदन लाल सैनी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने सीधे तौर पर माली समाज व मूल ओबीसी वोट बैंकों में सेंधमारी के तौर पर माना जा रहा है। यह वोट बैंक कांग्रेस व पूर्व सीएम अशोक गहलोत का वोटबैंक माना जाता रहा है। मदन लाल सैनी को बीजेपी अध्यक्ष बनाकर न केवल पार्टी में चल रहे अध्यक्षीय विवाद को शांत कर दिया है, वहीं एक संघ व पार्टी निष्ट कार्यकर्ता को जिम्मेदारी करके कार्यकर्ताओं को बड़ा मैसेज दिया है। यहीं नहीं सैनी के प्रेसीडेंट बनने से मूल ओबीसी वोट बैंक का फायदा पार्टी को मिलने की संभावना है। वैसे भी मदन लाल सैनी की छवि बेदाग, निष्पक्ष और अनुशासित कार्यकर्ता की रही है।
वे पार्टी के किसी गुट में भी नहीं माने जाते हैं। ऐसे में पार्टी के राष्टÓीय नेतृत्व अमित शाह ने मदन लाल सैनी को अध्यक्ष बनाकर सभी तरह के विवादों को विराम लगा दिया है। मदन लाल सैनी के नाम को हरी झंडी मिल गई है। गौरतलब है कि करीब ढाई महीने से प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर विवाद चल रहा है। अशोक परनामी के इस्तीफे देने के बाद से प्रदेश अध्यक्ष को लेकर केन्द्रीय व राज्य इकाई के नेतृत्व के बीच संघर्ष चल रहा था। केन्द्रीय नेतृत्व केन्द्रीय कृषि मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के पक्ष में था तो राज्य नेतृत्व और सीएम वसुंधरा राजे गजेन्द्र सिंह को अध्यक्ष बनाने के पक्ष में नहीं थे। राजे खेमा ब्राह्मण व वैश्य समाज से अध्यक्ष बनाए जाने का पक्षधर था। अव विवाद को विराम देते हुए पार्टी नेतृत्व ने मदन लाल सैनी पर दांव खेला है। बताया जाता है कि मदन लाल सैनी के नाम पर सीएम वसुंधरा राजे और उनके खेमे को भी कोई आपत्ति नहीं है। मूल ओबीसी बोट वैंक में सेंधमारी ने मदन लाल सैनी को अध्यक्ष पद बना दिया है, लेकिन यह देखना है कि सैनी ओबीसी वोट बैंक के साथ राजपूत, ब्राह्मण, वैश्य समेत एसटी0-एससी जातियों में किस तरह से तालमेल बैठा पाते हैं या नहीं?