जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया के विरुद्ध दायर अवमानना याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में लोक सेवकों के खिलाफ अदालत में इस्तगासा पेश करने से पूर्व सरकार की अनुमति लेने के मामले में जारी किए अध्यादेश के संबंध में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया के बयान को चुनौती दी गई थी। न्यायाधीश केएस झवेरी और न्यायाधीश वीके व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश पूनम चंद भंडारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने खंडपीठ के एक न्यायाधीश के खिलाफ अवमानना याचिका पेश कर रखी है। ऐसे में खंडपीठ प्रकरण की सुनवाई ना करे। इस पर अदालत ने कहा कि वे आदतन याचिकाएं पेश करते हैं। इसके साथ ही अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया। अवमानना याचिका में कहा गया कि 27 अक्टूबर 2017 को मुख्यमंत्री राजे ने एक इंटरव्यू में बयान दिया था कि इस्तगासे को पुलिस जांच में भेजने के प्रावधान के दुरुपयोग की लगातार शिकायतें मिल रही थी। रिकॉर्ड से पता चला कि ऐसे 73 फीसदी मामले झूठे निकले।
ऐसे मामले दर्ज होने से प्रतिष्ठित और ईमानदार लोकसेवकों की प्रतिष्ठा पर आंच आई और उनका मनोबल टूटा। जिसके चलते अध्यादेश लाया गया था। याचिका में कहा गया कि गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने भी मुख्यमंत्री राजे के समान ही बयान दिया। सीएम और गृहमंत्री के बयान से न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को आघात लगा है और न्यायपालिका की अवमानना हुई है।