Why not give reservation to ADAJ recruitment in 2016: High Court

-विवाहिता होने का तथ्य छिपाने वाली न्यायिक अधिकारी पर क्या हुई कार्रवाई
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने महिला न्यायिक अधिकारी की ओर से पति के जिंदा रहते हुए दूसरा विवाह करने से जुडे मामले में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, सतर्कता रजिस्ट्रार, प्रमुख विधि सचिव और न्यायिक अधिकारी अनुराधा दाधिच को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। न्यायाधीश मनीष भंडारी और न्यायाधीश डीसी सोमानी ने यह आदेश अनुराग वर्मा की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में कहा गया कि बालोतरा एसीजेएम अनुराधा दाधिच से उसका विवाह 10 अप्रैल 2013 को हुआ था। जिसका पंजीयन 29 जुलाई 2013 को हुआ। वहीं दिसंबर 2013 में अनुराधा का आरजेएस में चयन हो गया। दोनों ने परीवीक्षा काल पूरा होने के बाद अपना विवाह सार्वजनिक करना तय किया। याचिका में कहा गया कि अनुराधा ने विवाह सार्वजनिक नहीं किया, बल्कि 24 जून 2017 को जोधपुर में न्यायिक अधिकारी शिवदान सिंह चौधरी से विवाह कर लिया। जिसका पंजीयन 30 जून को कराया गया।

याचिका में कहा गया कि उसने नौकरी लेते समय अविवाहित रहने की झूठी जानकारी दी है। इसके अलावा राजस्थान सिविल सेवा आचरण नियम 1971 के तहत कोई सरकारी कर्मचारी पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह नहीं कर सकता। याचिका में यह भी कहा गया कि इस संबंध में हाईकोर्ट प्रशासन को तीन बार शिकायत भेजी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों व महिला न्यायिक अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

 

 

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