जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में बजरी के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण सहित कालाबाजारी रोकने के लिए राज्य सरकार से जिलेवार रिपोर्ट पेश करने को कहा है। अदालत ने पूछा है कि कालाबाजारी रोकने के लिए जिला कलक्टर्स ने क्या कार्रवाई की। इसके साथ ही अदालत ने पूछा है कि इस संबंध में गठित एसआईटी ने बजरी के अवैध खनन को लेकर कितने चालान दर्ज किए, कितने मामले दर्ज हुए और बजरी के अवैध खनन, परिवहन व भंडारण को रोकने के लिए क्या प्रभावी कार्रवाई की। अदालत ने अवैध तरीके से बजरी मंगा रहे बिल्डर्स पर की गई कार्रवाई का ब्यौरा भी पेश करने को कहा है।
न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश संजय कुमार गर्ग की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने पुलिस महानिदेशक से पूछा है कि इस मामले में पुलिस की ओर से क्या कार्रवाई की गई है। यदि आईपीसी की धारा 379 के तहत यदि कोई गिरफ्तारी हुई तो उसकी जानकारी अदालत में पेश की जाए। इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 30 जुलाई को तय है। अदालत ने कहा कि कोर्ट ने गत 3 मई को आदेश जारी कर हर जिला कलेक्टर को एसआईटी बनाकर निर्माण की हर जगह पर छापा मारने का निर्देश दिया था और बिल्डरों की जवाबदेही तय कर उन पर भी जुमार्ना लगाने के लिए कहा था। इसके अलावा संबंधित थाना पुलिस को भी बजरी की कालाबाजारी को रोकने का निर्देश दिया था।
याचिका में कहा गया है कि अवैध बजरी खनन की गतिविधियों को लेकर सरकारी एजेंसियों ने आंखें मूंद ली हैं। हर रोज जयपुर शहर में करीब 500 ट्रक बजरी आ रही है और सरकारी मशीनरी केवल खानापूर्ति ही कर रही है। याचिकाकर्ता की ओर से फोटोग्राफ पेश कर निर्माण स्थलों पर बजरी के भंडारण की जानकारी दी गई। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने राज्य सरकार से जिलेवार रिपोर्ट तलब की है।