जयपुर। राष्ट्रीय मार्गो पर अवैध वाहनों का संचालन नहीं रोकने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने परिवहन आयुक्त को 1० अगस्त को शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि गत एक साल में लोक परिवहन सेवा के कितने परमिट सरेंडर हुए हैं। राष्ट्रीय मार्गो पर चलने वाले अवैध वाहनों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। अवैध परिवहन को रोकने के लिए कितना जुर्माना लगाया और वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई क्यों नहीं की गई। दूसरे रूटों पर चलने वाले वाहनों के परमिट निरस्त क्यों नहीं किए गए।
इस संबंध में अनिलकुमार ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग को अवैध वाहनों पर कार्रवाई के आदेश दिए थे। उसने विभाग को अवैध वाहनों के रजिस्टेàरशन नंबर सहित सूची सौंपी थी। अवैध वाहनों के कारण लोक परिवहन सेवा से जुडे वाहन चालकों ने अपने परमिट भी विभाग में सरेंडर कर दिए हैं।