जयपुरर। राज्य विधानसभा ने शुक्रवार को जयपुर जलप्रदाय और मलवहन बोर्ड विधेयक, 2018 ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले संसदीय कार्यमंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया ।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में जल प्रदाय तथा सीवरेज का काम कई एजेंसियों जैसे जयपुर नगर निगम, जयपुर विकास प्राधिकरण, राजस्थान आवासन बोर्ड तथा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि जलप्रदाय और मलवहन सेवाओं से संबंधित क्रियाकलापों की योजना, विकास, क्रियान्वयन और प्रबंध के लिए एक समग्र दृष्टिकोण रखे जाने की आवश्यकता है। इसलिए जयपुर नगरीय क्षेत्र में जलप्रदाय और मलवहन प्रणाली के प्रबंध के लिए सर्वांगीण और समेकित पद्धति उपलब्ध कराने के लिए एक पृथक् संस्था का होना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि 30 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों जैसे दिल्ली, अहमदाबाद, चैन्नई, हैदराबाद और बैंगलोर में यह काम एक बोर्ड द्वारा ही किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जयपुर जलप्रदाय और मलवहन बोर्ड को जल और सीवरेज से राजस्व प्राप्त होगा तथा राज्य सरकार द्वारा अनुदान दिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि यह बोर्ड स्वायत्त संस्था के रूप में काम करेगा। बोर्ड में कर्मचारियों को पांच साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर लिया जाएगा और उनकी सेवा शर्तें व सुविधाएं यथावत रहेंगी