जयपुर। जिला कलक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सिद्धार्थ महाजन ने विधानसभा आम चुनाव के दौरान निर्वाचक पैम्पलेट एवं पोस्टर इत्यादि के मुद्रण पर नियंत्रण के लिए जिले में स्थित मुद्रक, मुद्रणालयों एवं समाचार पत्रों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
महाजन ने बताया कि विधानसभा चुनाव से संबंधित प्रकाशित-मुद्रित कराए जाने वाले सभी प्रकार के निर्वाचन पैम्फलेट, पोस्टर या ऎसी अन्य सामग्री पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127-क के अनुसार उसके मुद्रक और प्रकाशक का नाम-पता स्पष्ट लिखना जरूरी होगा। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति किसी निर्वाचक पैम्पलेट या पोस्टर का मुद्रण तब तक नही करा सकेगा जब तक प्रकाशक के पहचान की घोषणा उसके द्वारा हस्ताक्षरित और दो व्यक्तियों द्वारा सत्यापित कर दो प्रतियों में मुद्रक को नही दे दी जाती है। मुद्रण से पूर्व प्रकाशक से घोषणा प्राप्त करनी होगी। मुद्रित सामग्री की चार प्रतियां, घोषणा पत्र, मुद्रित दस्तावेजों की प्रतियों की संख्या और कीमत से संबंधित सूचना जिला मजिस्ट्रेट को निर्धारित तिथि के भीतर प्रस्तुत करनी होगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इन निर्देशों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन या अतिक्रमण करने पर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी। इसमें कारावास एवं जुर्माने या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। कारावास को छह माह तक या जुर्माने को दो हजार रुपए तक बढ़ाया जा सकता है। साथ ही मुद्रणालयों के अनुज्ञा पत्र को समाप्त करने की कार्यवाही भी शामिल है। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के 24 अगस्त, 2004 के आदेश तथा निर्वाचन विभाग राजस्थान के 3 सितम्बर, 2013 के आदेश के अनुसार यह सभी प्रावधान प्रिन्ट मीडिया-समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों पर भी लागू होंगे।