प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज़ाद हिंद सरकार की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए
delhi.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा गठित आज़ाद हिंद सरकार के गठन की 75वीं वर्षगांठ की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में आज लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और पट्टिका का अनावरण भी किया। इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मृति कार्यक्रम में संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा, नेताजी के भतीजे चंद्र कुमार बोस, ललती राम, आईएनए के वयोवृद्ध सेनानी और ब्रिगेड आर.एस चिक्कारा भी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री ने आज़ाद हिंद सरकार के गठन की 75वीं वर्षगांठ के गौरवान्वित अवसर पर देश को बधाई दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज़ाद हिंद सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा निर्धारित मजबूत अविभाजित भारत के विज़न का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने कहा कि आजाद हिंद सरकार राष्ट्र निर्माण में सक्रिय रूप से शामिल थी, यहां तक कि उसने अपने बैंक, मुद्रा और टिकट भी शुरू कर दिये थे।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि नेताजी एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने शक्तिशाली औपनिवेशिक ब्रिटिश शासन के विरुद्ध लड़ने के लिए भारतीयों को एकजुट किया। उन्होंनें यह भी कहा कि नेताजी ने युवा अवस्था में ही देशभक्ति का प्रदर्शन कर दिया था। उनकी यह भावना अपनी मां को लिखे उनके पत्रों में दिखाई देती थी।
नरेन्द्र मोदी ने कहा कि नेताजी न केवल भारतीयों के लिए एक प्रेरणा स्रोत थे बल्कि वे दुनिया भर में उन लोगों के लिए भी प्रेरणा स्रोत थे जो अपने देशों में आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए लड़ रहे थे। इस संदर्भ में उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी नेता नेल्सन मंडेला का उल्लेख किया कि वे किस प्रकार नेताजी से प्रेरित थे।
राष्ट्र को यह स्मरण कराते हुए कि सुभाष चंद्र बोस द्वारा कल्पना किए गए नये भारत का निर्माण करने से पहले उन्हें लंबा रास्ता तय करना है, प्रधानमंत्री ने नागरिकों से अनुरोध किया कि वे नेताजी से प्रेरणा लेकर राष्ट्र के विकास की दिशा में काम करे। उन्होंने कहा कि भारत ने अनेक बलिदानों के बाद आजादी हासिल की है और यह नागरिकों का कर्तव्य है कि वे अपनी स्वतंत्रता को सुरक्षित रखें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने रानी झांसी रेजिमेंट के गठन के माध्यम से सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए समान अवसर प्रदान करने की नींव रखी थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सच्चे अर्थों में इस विरासत को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने यह भी दोहराया कि महिलाओं को सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशन के लिए समान अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दोहराया कि आपदा मोचन संचालनों में शामिल लोगों का सम्मान करने के लिए उन्होंने पहले ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर एक पुरस्कार देने की घोषणा की है। यह पुरस्कार आपदा के समय लोगों की जान बचाने में बहादुरी और साहस का प्रदर्शन करने के कार्य को पहचान देने के लिए प्रति वर्ष प्रदान किया जाएगा।
इससे पहले स्वागत भाषण देते हुए संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि राष्ट्र नेताजी सुभाष चंद्र बोस को सलाम करता है जिनका बलिदान और नेतृत्व हमारी युवा पीढ़ी का लगातार मार्गदर्शन कर रहा है। उन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री के सक्षम नेतृत्व को धन्यवाद दिया।