dillee mein pradooshan khataranaak star par, jald jaaree ho sakata hai aaaid-eevan

नई दिल्ली। इन दिनों देश में वायु प्रदुषण ने कोहराम मचा रखा है वायु प्रदुषण के कारण नागरिकों को कई तरह की बिमारियों ने अपने शिकंजे में ले लिया है। फिर भी आलम यह है कि इसे रोकने के कोई ठोस और कारगर कदम केन्द्र सरकार और राज्यों की सरकार ने नहीं उठाए हैं। देश की राजधानी दिल्ली में तो वायु प्रदुषण इस कदर फैला हुआ है कि सांस भी लेना मुश्किल है। दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब में भारी मात्रा में पराली जलाने से इस मौसम में प्रदूषण की सबसे खराब स्थिति बन गई है। दिल्ली के साथ एनसीआर के नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद आदि जगहों पर स्मॉग छा गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह स्थिति अगले दो दिन तक बनी रहेगी।
मालूम हो कि इससे पहले भी दिल्ली में प्रदूषण स्तर बढ़ने पर निजी वाहनों के लिए आॅड इवन (सम-विषम) व्यवस्था लागू की जा चुकी है।

वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आकड़ों के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता 397 दर्ज की गई जो ‘बेहद गंभीर’ स्तर से तीन अंक नीचे और इस मौसम में प्रदूषण के लिहाज से सर्वाधिक है। वहीं, दिल्ली ज्यादार इलाकों में वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंच चुकी है।
केंद्र की वायु गुणवत्ता पूवार्नुमान और अनुसंधान प्रणाली (एसएएफएआर) ने वायु गुणवत्ता की बदतर होती स्थिति के पीछे पिछले 24 घंटे में भारी मात्रा में पराली जलाने और हवा की धीमी गति है। एसएएफएआर के मुताबिक, मंगलवार को पीएम 2.5 में इजाफा पराली जलाने से हुआ है, वहीं पीएम 2.5 इस मौसम का सर्वाधिक 251 दर्ज किया गया। पीएम-10 के मुकाबले बारीक कण लोगों के स्वास्थ्य के लिहाज से अधिक चिंताजनक हैं।

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