दिल्ली। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को घेरने वाले सबसे बहुचर्चित राफेल विमान सौदे के मामले में फैसला शुक्रवार आएगा। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को इस मामले में फैसला सुनाएगी। इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे कल सुनाया जाएगा। इस सौदे को लेकर कारोबारी अनिल अंबानी के साथ नरेन्द्र मोदी सरकार पर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने कई तरह की गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं। इस मुद्दे पर कांग्रेस मोदी सरकार को बराबर घेरे हुए है।
भाजपा के पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिंहा और अरुण शौरी सीबीआई को इसकी शिकायत दर्ज करवा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका लगाकर इस मामले में जांच की गुहार की गई है। सौदे से जुड़े तमाम दस्तावेज सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार ने सौंपे है। सरकार ने कहा कि नियमानुसार प्रक्रिया अपनाते हुए राफेल विमान खरीदे गए हैं। खरीद में कोई अनियमितता और घपले नहीं हुए है।
केन्द्रीय मंत्रिमण्डल की सुरक्षा मामलात कमेटी ने भी इस खरीद की मंजूरी दी थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पांच सौ करोड़ एक विमान को केन्द्र सरकार ने सोलह सौ करोड़ रुपए में खरीदा है और अनिल अंबानी को बेजा फायदा पहुंचाया गया है। इस सौदे को लेकर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर जमकर निशाने साध रखे हुए हैं। देश का चौकीदार चोर है कहकर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। इस सौदे को लेकर साढ़े चार साल में मोदी सरकार पर बड़ा हमला कांग्रेस ने किया है। कल सुप्रीम कोर्ट के फैसले से विमान सौदे पर उठ रहे सवालों और अनियमितताओं से पर्दा उठ जाएगा।