जयपुर। केन्द्रीय अपर सचिव प्रशासनिक सुधार एवं जनअभाव निराकरण वी श्रीनिवास ने लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यमों के लिए क्रेडिट फ्लो (साख प्रवाह) बढ़ाने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए वित्तदायी संस्थाआें को तय समय सीमा में ऋण सुविधा उपलब्ध कराने को कहा है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई इकाइयां ही देश में सर्वाधिक रोजगार के अवसर सृृजित करती है। उन्होंने सभी उद्यमों से बीमा योजना से कार्मिकों को बीमित करने को कहा। वी श्रीनिवास बुधवार को उद्योग भवन में प्रमुख सविच एमएसएमई आलोक, आयुक्त डॉ. केके पाठक के साथ केन्द्र सरकार के 100 दिवसीय अभियान के तहत जयपुर व सीकर जिले में एमएसएमई इको सिस्टम सुदृढ़ीकरण पर आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार की रोजगार सृजन, एमएसएमई उद्यमों के लिए ऋण योजनाओं, स्वास्थ्य व जीवन बीमा, अनुदान योजनाओं से अधिक अधिक लोगों को जोड़कर लाभान्वित किया जाए। उन्होंने कहा कि बीमा के साथ ही युवाआें के कौशल विकास पर बल दिया जा रहा है।केन्द्रीय अपर सचिव श्रीनिवास ने बताया कि एमएसएमई के 59 मिनट में ऋण योजना में जयपुर और सीकर में करीब 500 उद्यमियों को ऋण स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने जयपुर के बगरु के टैक्सटाइल पार्क के कार्यों की सराहना की और प्रदेश में उद्योग विभाग द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन और संचालन पर संतोष व्यक्त किया। श्रीनिवास ने जयपुर व सीकर जिला कलक्टरों को विभागीय अधिकारियों, संस्थाआें, जिलों के औद्योगिक संघों व लीड बैंकों के साथ बैठक कर ऋण उपलब्धता में आ रही बाधाओं के निस्तारण के निदेश दिए। उन्होंने इंजीनियरिंग गुड््स और अपेरल सेक्टर से समंवय बनाने को कहा। प्रमुख शासन सचिव एमएसएमई आलोक ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर राज्य सरकार की प्राथमिकता मेें है और इस क्षेत्र को और अधिक विस्तारित करने पर जोर दिया जाएगा।
आलोक ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर की देश व प्रदेश के औद्योगिक व आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होने के साथ ही सबसे अधिक रोजगार प्रदाता भी यही सेक्टर है। उन्होंने बताया कि नए युवाओ को इस सेक्टर से और अधिक जोड़ा जाएगा।आयुक्त उद्योग डॉ. कृृष्णाकांत पाठक ने बताया कि राज्य में 7 लाख 31 हजार एमएसएमई इकाइयों में 63823 करोड़ विनियोजित है। उन्होंने बताया कि इस सेक्टर से 34 लाख 48 हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने बताया कि जयपुर जिले में ही एक लाख 19 हजार एमएसएमई उद्यम है जिनमें सर्वाधिक 32 हजार उद्यम हैण्डीक्राफ््ट सेक्टर से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि एमएसएमई उद्यमों की उत्पादों की सरकारी खरीद में प्राथमिकता देने के साथ ही इन इकाइयों के भुगतान विवादों का भी समझाइश या अवार्ड पारित कर निपटारा करवाया जा रहा है। डॉ. पाठक ने बताया कि पीएमईजीपी और बीआरएसवाई योजना में युवाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया के रिप्स व एमएसएमई असिस्टेंस योजनाओं में इन उद्यमों को सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही प्रदेश में उद्योग रत्न पुरस्कार, बुनकर पुरस्कारों के साथ ही राज्य व केन्द्र योजना में कलस्टर योजनाआें का संचालन किया जा रहा है।
श्रम आयुक्त नवीन जैन ने उद्यमों व उद्यम संघों से आग्रह किया कि वे श्रम विभाग के पोर्टल पर जाकर उनके यहां कार्य कर रहे श्रमिकों को बीमा, स्वास्थ्य व अन्य योजनाओं से जोड़कर लाभान्वित कराएं। उन्होेंने बताया कि सिलिकोसिस मरीजों को पांच लाख तक की सहायता दी जा रही है औद्योगिक परिसंघ यूकेरी के शरद कांकरिया व अनिल उपाध्याय ने एमएसएमई सेक्टर को प्रमोट करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। लघु उद्योग भारती के महेन्द्र खुराणा ने ऋण प्रक्रिया को सरल बनाने, बैंक गांरटी पर साल दर साल चार्ज लिया जाए और 25 प्रतिशत मार्जिन राशि को कम कर उद्यमियों को राहत दिलाए। विश्वकर्मा एसोसिएशन के सतीश तांबी ने कहा कि बैंकों द्वारा ऋण व साख सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है इससे उद्यमों को वित्तीय समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बगरु टैक्सटाइल पार्क के सुशील मेहता ने टैक्सटाइल पार्क के संबंध में जानकारी दी। बैठक में सीकर कलक्टर नरेश ठकराल ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में सलाहकार समिति की बैठक आयोजित कर समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। अतिरिक्त निदेशक पीके जैन ने पावर पाइंट प्रजेंटेशन से राज्य के एमएसएमई सेक्टर की तस्वीर प्रस्तुत की।बैठक में एमएसएमई उद्यमों व रोजगार योजनाओं के ऋण वितरण में बैंकों के असहयोग या देरी से ऋण वितरण की और ध्यान दिलाया गया। केन्द्र सरकार से अरबन हाट सीकर की स्वीकृति शीघ्र जारी कराने का आग्रह किया गया। बैठक में अतिरिक्त निदेशक डीसी गुप्ता, अविन्द्र लढ्डा, संयुक्त निदेशक एसएस शाह, संजीव सक्सैना, सीएल वर्मा, एसएल पालीवाल, उपनिदेशक रवीश कुमार, क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त अजय मेहरा, डीडी ईपीआईसीश्री साहित अग्रवाल, एडीएम जयपुर पुंकेश सेन, खादी सचिव अल्पा चौधरी, एसएलबीसी समंवयक सविता केनी, सिडबी के डीजीएम धर्मेन्द्र सक्सैना, निदेशक एमएसएमइटीआई एमके सारस्वत, महाप्रबंधकों में आरके आमेरिया, सुभाष शर्मा, सीबी नवल, डीडी मीणा, मंजुल लोहानी, सही राम, जिला उद्योग अधिकारी डीएन माथुर सहित विभागीय, जयपुर-सीकर की संबंधित संस्थाओं व औद्योगिक संघाें के प्रतिनिधि उपस्थित थे।