95 वर्षों से राष्ट्र साधना कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को राहुल गाँधी के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं: मदन लाल सैनी
जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर की गई राहुल गाँधी की टिप्पणी को बचकाना बताते हुए कहा कि 95 वर्षों से राष्ट्र साधना कर रहे संघ को राहुल गाँधी के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डाॅ. हेडगेवार जो विदर्भ युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे, अप्पा जी जोशी, दादाराव परमार्थ सहित हजारों स्वयंसेवक अंग्रेजों के खिलाफ विभिन्न आन्दोलनों में जेल गये।
उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका के विषय पर कांग्रेस के पदाधिकारियों को खुली चर्चा करने की चुनौती दी। सैनी ने कहा कि राहुल गाँधी सेवा दल को वैचारिक तौर पर संघ के समक्ष खड़ा करने का दिवास्वप्न देख रहे हैं, संघ जैसी राष्ट्र भक्ति और अनुशासन सेवा दल के कार्यकर्ताओं में राहुल गाँधी कहा से लायेंगे। सन् 1984 में नागपुर के सेवा दल के राष्ट्रीय अधिवेशन से लौटते समय की गई लूट-पाट व महिलाओं के साथ किये गये अभद्र व्यवहार को देश भूला नहीं है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश में राष्ट्र भक्ति का जज्बा लिये लोगों का संगठन है। देश में युद्ध के समय जब कश्मीर में हवाई पट्टी के निर्माण के लिए सेना के आव्हान पर संघ के स्वयंसेवकों ने रातो-रात सतत् काम किया, तब कांग्रेस/सेवा दल कहाँ था।
‘‘तेरा वैभव अमर रहे माँ हम दिन चार रहे ना रहे’’, इस बात को चरितार्थ करते हुए संघ के 32 स्वयंसेवक जिनमें राष्ट्र भक्ति हिलोरे मार रही थीं, कोहनी व घुटनों के बल रैंगते हुए सीमा पार से 32 पेटी विस्फोटकों की लेने गये, उनमें से 5 शहीद हो गये, तब कांग्रेस/सेवा दल कहाँ था।
26 जनवरी, 1963 के गणतंत्र दिवस समारोह में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. नेहरू जी के आव्हान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 2 हजार स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में परेड कार्यक्रम में शामिल हुए, तब कांग्रेस/सेवा दल कहाँ था।
सन् 1965 के पाकिस्तान युद्ध के दौरान दिल्ली सरकार के प्रशासनिक काम में संघ के स्वयंसेवक की मदद ली गई, तब कांग्रेस/सेवा दल कहाँ था।
जब कभी देश में प्राकृतिक आपदाऐं आती है, कोई भी दुखद घटना होती है, तब स्वप्रेरणा से संघ के स्वयंसेवक लोगों की मदद के लिए बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं, तब कांग्रेस/सेवा दल कहाँ था।
आजादी के आन्दोलन के दौरान विभिन्न क्राँतिकारियों को विभिन्न स्वयंसेवकों के घर में आश्रय दिया गया, तब कांग्रेस/सेवा दल कहाँ था। अंग्रेजों के खिलाफ नमक आन्दोलन, जंगल सत्याग्रह, असहयोग आन्दोलन, रिस्ले सक्र्यूलर का विरोध, लोकमान्य तिलक के आव्हान पर आन्दोलन, भारत छोड़ो आन्दोलन जैसे अनेकों आन्दोलनों में संघ के राष्ट्रीय स्वयंसेवकों की प्रमुख भूमिका रही है, तब कांग्रेस/सेवा दल कहाँ था।