जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने गुरुवार को सायं जेईसीसी में डायबिटीज की नवीं वर्ल्ड कांग्रेस ‘डायबिटीज इंडिया 2019’ कांफे्रंस का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।
डॉ. शर्मा ने डायबिटीज इंडिया की 4 दिवसीय नवीं वर्ल्ड कान्फ्रेंस का जयपुर में आयोजन करने के लिए डायबिटीज इंडिया के अध्यक्ष डॉ. एस.एन.सादीकोट, महासचिव डॉ. एस.आर. अरविन्द, कार्यकारी सचिव डॉ. बंशी साबू के साथ ही आयोजन समिति के अध्यक्ष और एस.एम.एस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी तथा प्रोग्राम चेयरमेन डॉ. अरविन्द गुप्ता सहित सभी आयोजकों को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि लाइफस्टाइल डिजीजेज में डायबिटीज सर्वाधिक प्रचलित रोगों में से एक है। हमारे देश में लगभग 7 करोड़ व्यक्ति डायबिटीज से ग्रसित हैं। उन्होंने बताया कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2025 तक भारत दुनिया का डायबिटिक कैपिटल हो जाएगा।
इसका मुख्य कारण जीवन शैली में बदलाव, अधिक मसालेदार भोजन, कम व्यायाम, बढ़ता तनाव, जेनेटिक तथा पर्यावरणीय खतरे माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ वषोर्ं पूर्व हमने कई बीमारियों को पूरी तरह से तरह खत्म कर दिया है। अब डायबिटीज के लिए भी इसी प्रकार के प्रयासों की जरूरत है।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि डायबिटीज अनेक रोगों की जननी मानी जाती है। प्रारंभिक दौर में ही जांच कर डायबिटीज का निदान और उचित इलाज ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने बताया कि जनघोषणा पत्र में प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य का अधिकार देने का संकल्प लिया गया है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में निःशुल्क दवा व जांच योजना को प्रभावी ढ़ंग से लागू कर आम जन को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने विशेषज्ञ चिकित्सकों से मौसमी बीमारियों सहित लाइफस्टाइल पर आधारित बीमारियों के सम्बंध में उपचार के साथ ही व्यापक जनचेतना जागृत करने में योगदान करने का आव्हान किया। उन्होंने रोगियों के इलाज के लिए चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े सभी चिकित्सकों को नियमित प्रशिक्षण प्रदान किए जाने की भी आवश्यकता प्रतिपादित की।
प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा हेमन्त गेरा ने कहा कि डायबिटीज की समस्या अब शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी बदलती जीवन शैली के कारण बढ रही है। डायबिटीज जैसी गंभीर चुनौती का सामना करने के लिए इस संबंध में व्यापक जनचेतना आवश्यक है।
आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. सुधीर भंडारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि कॉन्फ्रेंस में देशभर से करीब 2000 चिकित्सकों को डायबिटीज से जुड़े अनेको विषयों पर प्रशिक्षित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में देशभर से 100 से अधिक प्रशिक्षकों के अलावा विदेशों से भी 40 प्रशिक्षक आए हैं।