अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद में औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम) योजना का शुभारंभ किया। केन्द्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार और गुजरात के मुख्यमंत्री भी इस अवसर पर उपस्थित थे। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों में इसे योजना के व्यापक प्रचार और जागरूकता पैदा करने के लिए इस योजना का शुभारंभ समारोह चार स्तरों पर आयोजित किया। राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना का औपचारिक शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अहमदाबाद में आयोजित समारोह में किया गया। जिसमें देश भर के लगभग 40,000 कामगारों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न व्यवसायों के इस योजना के 35 लाभार्थियों के साथ बातचीत की और इन 35 लाभार्थियों को पीएम-एसवाईएम कार्ड भी वितरित किए।
राज्य स्तरीय कार्यक्रम सभी राज्यों में आयोजित किए गए जिसमें मुख्यमंत्रियों, केन्द्रीय मंत्रियों, राज्य मंत्रियों, ट्रेड यूनियन नेताओं और स्थानीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जिला स्तर के समारोह जिलों के अधिकारियों, केन्द्र और राज्य श्रम कार्यालयों द्वारा आयोजित किए गए। जमीनी स्तर के आयोजन देश के 3 लाख कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) में आयोजित किए गए।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, केन्द्रीय कानून और न्याय, इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद, केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने संयुक्त रूप से आज नई दिल्ली में पीएम-एसवाईएम के लाभार्थियों को कार्ड बांट कर सम्मानित किया। सुषमा स्वराज ने कहा कि केन्द्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ सम्मान भी दिया है। प्रधानमंत्री ने घरेलू कामगारों, रिक्शा चालकों, खेती मजदूरों, छोटे विक्रेताओं को श्रम योगी के रूप में मान्यता देकर सम्मानित किया है और उन्हें 60 वर्ष की आयु होने पर उनका मान-धन प्राप्त होगा। यह योजना के तहत श्रम योगियों के बूढ़ा हो जाने पर जब उनके पास आजीविका का कोई भी साधन नहीं होगा तो उन्हें पूरे जीवन के दौरान 3000 रुपये प्रति माह का मान-धन (पेंशन) प्रदान किया जाएगा।