जयपुर। भरतपुर जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग द्वारा दो दिवसीय महाराजा सूरजमल स्मृति समारोह के तहत बुधवार को प्रातः 10 बजे महाराजा सूरजमल शौर्य यात्रा यातायात चौराहे से निकाली गई। यात्रा को देवस्थान मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री ने कहा कि महाराजा सूरजमल ने भरतपुर की पहचान राज्य स्तर पर ही नहीं अपितु राष्ट्रीय स्तर पर कायम की है। उन्होंने महाराजा सूरजमल को महापुरूष का दर्जा देते हुये उनके सिद्वांत एवं कार्यशैली का अनुसरण करने का आव्हान युवाओं से किया। उन्होंने कहा कि महाराजा सूरजमल स्मृति समारोह के माध्यम से महाराजा सूरजमल की शासन प्रणाली एवं शौर्यगाथाओं को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर जाना जायेगा। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा बिना किसी जाति-धर्म के भेदभाव के बिना सभी कौमों का समान रूप से विकास किया गया। उन्होंने सूरजमल को पुष्पांजलि अर्पित कर साक्षी मानते हुये कहा कि अब तक भरतपुर जिला विकास से उपेक्षित रहा है उनका यह प्रयास रहेगा कि जिले का सम्पूर्ण एवं समन्वित विकास किया जाये।
इस अवसर पर भरतपुर जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने कहा कि महाराजा सूरजमल स्मृति समारोह के तहत आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रमों में भरतपुर की जनता की उत्साहपूर्ण सहभागिता रही है। उन्होंने कहा कि महाराजा सूरजमल द्वारा भरतपुर की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं अपितु अन्तर्राष्ट्रीय बनाई है। उनकी शिक्षा एवं सिद्वांतों का अनुकरण कर हम उनको सच्ची श्रद्वांजलि दे सकते हैं।
शौर्य यात्रा में स्थानीय कलाकारों के साथ -साथ राज्य के विभिन्न जिलों से ख्याति प्राप्त कलाकारों के दल शामिल होकर अपनी कलाओं का प्रदर्शन किया। शौर्य यात्रा के आरम्भ में राजस्थानीय वेशभूषा में सुसज्जित बीकानेर जिले के 4 सजीले घुडसवारों द्वारा पथ प्रदर्शन किया गया उनके पीछे पारम्परिक पोशाक में महिलाओं का मंगलकलश लिये दल शामिल हुआ, यात्रा में डीग की परम्परागत बम रसिया दल के कलाकार बम वादन करते हुए बमरसिया नृत्य का प्रदर्शन कर रहे थे। यात्रा में महाराजा सूरजमल की भव्य चित्र की बग्गी सवारी निकाली गई, टोंक- निवाई के कलाकारों द्वारा कच्ची घोड़ी नृत्य आयोजन, बारां छबड़ा के कलाकारों द्वारा चकरी नृत्य, शाहबाद के कलाकार दल द्वारा साहरिया नृत्य का आयोजन किया, यात्रा में स्थानीय कलाकारों द्वारा राधाकृष्ण की भव्य झांकियां निकाली साथ ही पाली के पादरला के कलाकार तेरहताली नृत्य, कालबेलिया नृत्य, जिले के कैथवाडा के कलाकारों द्वारा भपंग वादन, बांदीकुई के कलाकारों द्वारा बहरूपिया स्वांग, चुरू पाबूसर के कलाकारों द्वारा चंग ढप का वादन किया गया। शौर्य यात्रा में स्थानीय विभिन्न विद्यालयों के लगभग 600 विद्यार्थियों सहित एनसीसी, स्काउट के दल भी शामिल हुये । शौर्य यात्रा का भव्य स्वागत स्थानीय व्यापारियों एवं नागरिकों द्वारा अनेक स्थानों पर तोरण द्वार बनाकर किया गया। यह शौर्य यात्रा अन्त में किशोरी महल पर पहुंची यहॉ सभी आंगतुकों एवं आमनागरिकों द्वारा महाराजा सूरजमल को पुष्पांजलि अर्पित की गई।
महाराजा सूरजमल स्मृति समारोह के अन्तिम कार्यक्रम के रूप में स्थानीय श्री गंगा माता मंदिर पर पर्यटन एवं देवस्थान मंत्री विश्वेन्द्र सिंह द्वारा सांय 5.30 बजे स्थानीय पंडितों द्वारा वैदिक रीतिरिवाज एवं मंत्रोचार कर महाआरती की गई ।