जयपुर। प्रदेश में लॉकडाउन लागू होने के बाद विभिन्न कारणों से दिवंगत हुए लोगों के परिजन अस्थि विसर्जन के लिए जा सकें, इसके लिए जाने वाली विशेष बसें निःशुल्क संचालित होंगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह मानवीय एवं संवेदनशील निर्णय करते हुए कहा है कि यह अत्यन्त पीड़ादायक है कि अपने परिजनों के निधन के बाद शोकाकुल परिवार उनकी अस्थियों का विसर्जन नहीं कर पाये थे। अब राज्य सरकार के आग्रह पर उत्तराखण्ड सरकार ने अस्थि विसर्जन के लिए बसों के आवागमन की सहमति दे दी है। इससे शोक संतप्त परिजन अस्थि विसर्जन स्थलों पर सुगमता पूर्वक जा सकेंगे।
श्री गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में बताया गया कि राजस्थान सरकार के विशेष प्रयासों के बाद उत्तराखण्ड की सरकार ने अस्थि विसर्जन के लिए बसों के संचालन की सहमति दे दी है। उत्तर प्रदेश सरकार से सहमति के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। अस्थि विसर्जन के लिए किसी भी परिवार के दो या तीन सदस्य इन विशेष बसों में निःशुल्क यात्रा कर सकेंगे।
सम्भागीय और जिला मुख्यालयों से संचालित होंगी बसें
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग श्री सुबोध अग्रवाल ने बैठक में बताया कि अब राजस्थान से हरिद्वार एवं अन्य अस्थि विसर्जन स्थलों के लिए प्रतिदिन चार या पांच बसें संचालित होंगी। ये बसें शुरू में प्रदेश के सम्भागीय मुख्यालयों से तथा उसके बाद आवश्यकतानुसार जिला मुख्यालयों से संचालित की जाएंगी।
बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता, अति. मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप, अति. मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा श्री रोहित कुमार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण श्री वीनू गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री अभय कुमार, शासन सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्री सिद्धार्थ महाजन तथा सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।