नई दिल्ली। देश के युवाओं के सामने बहादूरी की मिसाल बनकर उभरे व बांदीपुरा में आतंकियों के दांत खट्टे करने वाले कोटा निवासी वीर चेतन चीता (सीआरपीएफ कमांडेट) की सेहत अभी नासाज ही बनी हुई है। चीता का अभी नई दिल्ली स्थित एम्स के ट्रोमा सेंटर में उपचार चल रहा है। शनिवार को आर्मी चीफ विपिन रावत खुद चीता से मिलने एम्स पहुंचे और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। एम्स चिकित्सक चीता की सेहत पर पल-पल नजरें गढ़ाए हुए हैं। आर्मी चीफ ने कहा कि कमांडेट चीता की हालत में सुधार हो रहा है। गौरतलब है कि विगत मंगलवार को ही बांदीपुरा में आतंकियों मौजूद होने की सूचना पर सुरक्षा बलों ने सघन सर्च ऑपरेशन चलाया था। लेकिन इस सर्च ऑपरेशनक की जानकारी आतंकियों को समय रहते मिल गई। जिससे उन्होंने अपना ठिकाना बदल लिया। सर्च ऑपरेशन को लेकर जो टीम गई थी। उसका नेतृत्व खुद चेतन ही कर रहे थे। आतंकियों की टोह लेते हुए जब चीता उनके समीप पहुंचे तभी उन्होंने चीता व टीम पर दनादन गोलियां दाग दी। चीता ने भी अदम्य साहस का परिचय देते हुए लश्कर आतंकी अबू हारिश को ढेर कर दिया। इस दौरान आतंकियों ने चीता पर करीब 30 राउंड फायर किए। जिनमें चीता को 9 गोलियां लगी और वे गंभीर घायल हो गए। बाद में उन्हें श्रीनगर सेना अस्पताल से एयर एम्बुलेंस की सहायता से एम्स में लाया गया। जहां चिकित्सक ने उन्हें वेंटिलेटर पर ले लिया।

-अकेले ही जा भिड़े

आतंकियों से लौहा लेने के लिए चीता अकेले ही दुश्मनों से जा भिड़े। सीआरपीएफ चीफ के. दुर्गा ने बताया कि चेतन बिना अपने ट्रप्स का इंतजार किए आतंकियों से लडऩे सेना के साथ चले गए। इस एनकाउंटर में आर्मी, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस शामिल थी। एनकाउंटर के खत्म होने के बाद चेतन बुरी तरह से घायल हुए तो सेना के 3 जवान शहीद हो गए। चेतन को जैसे ही जम्मू कश्मीर पुलिस से इस बात की जानकारी मिल की 2 आतंकी गांव में छिपे हैं तो उन्होंने बिना समय गवाएं जवानों के साथ रवाना हो गए। आतंकियों की 9 गोलियों के बावजूद डटे रहे ऑपरेशन में जहां आर्मी ने सामने से मोर्चा संभाला तो चेतन चीता अकेले ही आतंकियों से भिड़ें। उन्होंने 16 रांउड फायर किए तो आतंकियों ने 30 राउंड गोलियां चलाई। एक आतंकी अइस दौरान भाग गया तो दूसरा मारा गया। चीता की बांहों में फै्रक्चर हुए तो उनके पेट में गोलियां लगी। एक गोली उनकी आंख को चीरती हुई बाहर निकल गई। उन्हें एयरलिफ्ट किया गया तो किसी को नहीं मालूम था कि कितनी गोलियां उनके शरीर के अंदर थीं। चीता को 9 गोलियां बांह, पेट, पेट का निचला हिस्सा और जांघ में लगी। घायल होने के बाद भी देश के ने आतंकियों पर कहर बरपाए रखा।

-मीणा छात्रावास में रहकर की पढ़ाई पूरी

इधर चेतन चीता की सेहत को लेकर अब देशभर में दुआएं करने का सिलसिला शुरू हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व पूर्व क्रिकेटर वीरेन्द सहवाग ने चेतन के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। वहीं देशभर और राजस्थान विशेषकर उनके गृह जिले कोटा में लोग चीता के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना को लेकर अपने अपने तरीके से मन्नतें मांग रहे हैं। चेतन चीता ने मीणा छात्रावास में रहते हुए राजस्थान यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की। बाद में पैरामिल्ट्री फोर्स की तैयारी में जुट गए। जहां सफलता मिली तो वे सीआरपीएफ में कमांडेट पद पर तैनात हुए।

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