जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह खुशी की बात है कि प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन कराने वाले स्वास्थ्य कर्मियों में अभी तक किसी तरह के गंभीर साइड इफेक्टस नहीं दिखे हैं। हैल्थ केयर वर्कर्स उत्साह के साथ आगे आकर वैक्सीन लगवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर किसी तरह कि भ्रांति न रहे, इसके लिए लोगों को निरन्तर जागरूक किया जाए। उन्होंने वैक्सीनेशन साइट्स की संख्या आवश्यकता के अनुरूप बढ़ाने के निर्देश दिए।
गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉफ्रेंंस के माध्यम से वैक्सीनेशन अभियान की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने हैल्थ केयर वर्कर्स एवं आमजन का आहवान किया कि वे टीकाकरण करवाएं और किसी भी तरह की भ्रांति से बचें। उन्होंने भारत सरकार की गाइडलाइन को फॉलो करते हुए प्रदेश में वैक्सीनेशन के लक्ष्य को तय समय में पूरा करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूरोप सहित विश्व के कुछ देशों में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए हमें पूरी तरह सावचेत रहने की जरूरत है। हैल्थ केयर वर्कर्स का वैक्सीनेशन होने पर वे आगे आने वाली किसी भी चुनौती का मुकाबला पूरे आत्मविश्वास के साथ कर पाएंगे और कोरोना से प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा का अपना दायित्व बखूबी निभा सकेंगे।
गहलोत ने कहा कि कोविन सॉफ्टवेयर में तकनीकी बाधाओं के कारण टीकाकरण के लक्ष्य की प्राप्ति में कठिनाई अनुभव की जा रही है। ऎसे में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर डेटा अपलोड करने में आ रही तकनीकी बाधाओं को दूर किया जाए।
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि जयपुर, दौसा एवं गंगानगर सहित जिन जिलों में वैक्सीनेशन का प्रतिशत कम है, वहां के कलेक्टर्स, सीएमएचओ एवं विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ वीसी कर वैक्सीनेशन को गति देने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।
शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने वैक्सीनेशन की अब तक की प्रगति एवं आगे के लक्ष्य के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन के राष्ट्रीय औसत की तुलना मेें राजस्थान आगे है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा किए गए विस्तृत मूल्यांकन में भी राजस्थान ने टीकाकरण के सभी मानकों पर बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में 25 जनवरी तक 1 लाख 61 हजार 116 स्वास्थ्य कर्मियों का वैक्सीनेशन किया गया। प्रदेश कर्नाटक एवं ओडिशा के बाद तीसरे स्थान पर है।
महाजन ने बताया कि भारत सरकार की गाइडलाइन में विभिन्न कारणों से वैक्सीन का 10 प्रतिशत तक वेस्टेज अनुमत है। राजस्थान में अभी तक 95.72 प्रतिशत वैक्सीन का उपयोग हो रहा है और वैक्सीन का वेस्टेज प्रतिशत मात्र 4.28 फीसदी रहा है। उन्होंने बताया कि पूरे देश में 22 प्रतिशत हैल्थ केयर वर्कर्स के वैक्सीनेशन के मुकाबले राजस्थान में 31.35 प्रतिशत का टीकाकरण किया गया है। यह राष्ट्रीय औसत से करीब 10 प्रतिशत अधिक है।

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