जयपुर। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की निवेशोन्मुखी ऊर्जा नीतियों के चलते आज सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान देश दुनिया के निवेशकों की पहली पसंद बन गया है। उन्होंने बताया कि सोलर उर्जा क्षेत्र में राजस्थान समूचे देश में सौर ऊर्जा हब के रुप में उभर गया है। भाटी मंगलवार को यहां विद्युत भवन में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बड़ी स्केल की चार इकाईयों सहित 23 संस्थाओं को ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पुरस्कृत किया। उन्होेंंंने कहा कि ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा का उत्पादन है। अब समय आ गया है जब हमें स्वयं आगे आकर बिजली बचत का वातावरण बनाना होगा वहीं युवाओं व बच्चों को ऊर्जा बचत का संदेश देना होगा कि आवश्यकता नहीं होने पर विद्युत उपकरणों को बंद करें, कम ऊर्जा खपत वाले विद्युत उपकरणों का उपयोग करें।
उन्होंने बताया कि इंवेस्टमेंट राजस्थान में बड़ी संख्या में निवेशक राजस्थान में अक्षय ऊर्जा खासतौर से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के लिए आगे आ रहे हैं।इससे प्रदेश ग्रीन एनर्जी की दिशा में और अधिक तेजी से आगे बढ़ रहा है। साल के 365 दिनों मेेंं से 325 दिन सूर्य का प्रकाश उपलब्ध होने से अनुकूल परिस्थितियां है। हमारी कमजोरी तपते रेगिस्तान और धूलभरी आंधियां ही आज हमारी ताकत बन गई है। प्रदेश में निवेश आ रहा है तो युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। भाटी ने कहा कि पीएम किसान योजना हो या अक्षय ऊर्जा उत्पादन या फिर ऊर्जा दक्षता हो या ऊर्जा संरक्षण राजस्थान सभी क्षेत्रों में देश मेंअग्रणीप्रदेश हो गया है। हमनें एनर्जी ऑडिट का काम शुरु किया है तो बिजली की छीजत रोकने और गुणवत्तायुक्त विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की पहल की है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद प्रदेशवासियों को विद्युत की निर्बाध आपूर्ति बनाए रखी गई।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में इस एक साल को प्रदेश के गोल्डन वर्ष के रुप में देखा जा सकता है। इस साल 2021-22 में रिकार्ड 2200 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयत्रों की स्थापना की गई है। केन्द्र सरकार के ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसिएंसी ने राजस्थान को फ्रंट रनर राज्य घोषित किया है तो आज ही नई दिल्ली में आयोजित समारोह में ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र मेे उल्लेखनीय उपलब्धि्योें के लिए राज्य को पुरस्कृत किया गया है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान में अड़ानी, मितल, जेएसड्ब्लू जैसे 16 बड़े निवेशक सौर ऊर्जा क्षेत्र में 2 लाख 59 हजार करोड़ के निवेश के एमओयू/एलओआई हस्ताक्षर कर चुके हैं। उन्हाेंने बताया कि यह इंवेस्टमेंट राजस्थान के अभी तक हस्ताक्षरित निवेश प्रस्तावों में आधे से भी अधिक राशि के है।
चेयरमेैन डिस्काम्स श्री भास्कर ए. सावंत ने कहा कि इकोलोजीकल बैलेंस बनाए रखने के लिए ऊर्जा बचत समय की मांग और आज की आवश्यकता हो गई है। उन्होंने बताया कि आज दुनिया के सामने एटोमिक वार या आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस से भी अधिक कोई खतरा है तो वह इकोलोजिकल इंबैलेंस से हैं।
राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के महाप्रबंधक श्री सुनित माथुर ने स्वागत करते हुए बताया कि राज्य में 2009 से ऊर्जा बचत के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों का वितरण किया जाने लगा है। उन्होेंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण हमारी आदत में आना चाहिए।
समारोह में ऊर्जा मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी, एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने श्री सीमेंट रास, जेके सीमेंट मांगरोल, राजस्थान टैक्सटाइल मिल भवानी मंढी और डिविजनल हॉस्पीटल नार्थ वेस्टर्न रेल्वे जोधपुर को शील्ड और प्रशस्ती पत्र देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही कालीसिंध थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट विद्युत उत्पादन निगम झालावाड़, रामपुरा अगुचा माइंस हिन्दुस्तान जिंक, फ्लक्स लाईट निमस जयपुर, बालकृष्णा इण्डस्ट्रीज, जेके टायर एण्ड इण्डस्ट्रीज कांकरोली, श्री मोहता आयुर्वेदिक रसायनशाला बीकानेर, नार्थ वेस्टर्न रेल्वे मुख्यालय भवन जयपुर, सीकर रेल्वे स्टेशन, बाड़मेर रेल्वे स्टेशन, श्री मोहर सिंह फागरिया बीकानेर, श्री रामनारायण वैष्णव जयपुर, श्री कमल गोयल अजमेर, श्री सचिव गुप्ता गोटन, इंण्डस्ट्र जनरल लार्ज स्केल केरेज वर्कशाप अजमेर, एनर्जी क्लब एमएनआईटी जयपुर, श्री राम वीनाइल एण्ड केमिकल कोटा, चंबल फर्टिलाइजर गडेपान, सिरेमिक्स ग्रेनिटो बीकानेर और एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज जयपुर को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होेने पुरस्कार विजेताओं की सराहना करते हुए बधाई दी।