– बजरी-ईंट ट्रक मालिकों ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करके मण्डी बनाई
जयपुर। नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) जयपुर में करोड़ों रुपये की जमीनों की सुध नहीं ले रहा है या यह कह सकते हैं कि एनएचएआई को अपनी इन बेशकीमती जमीनों को भूला चुका है। ऐसी ही एक जमीन दादी का फ ाटक और नाड़ी का फ ाटक के बीच अजमेर-दिल्ली बायपास की सर्विस लेन पर है। बायपास के दोनों तरफ करीब ढाई-तीन हजार वर्गमीटर जमीन है। बायपास के पास जिस स्थान पर यह जमीन है, पहले वहां क्लोजर लीफ बननी थी, लेकिन तब यह बन नहीं पाई। ऐसे में अवाप्तशुदा जमीन खाली रह गई है। यह जमीन एनएचएआई के नाम दर्ज है। मुख्य सड़क के पास लम्बी चौड़ी जमीन की कीमत करोड़ों रुपयों में है। बताया जाता है कि इसका बाजार भाव करीब पचास करोड़ रुपये हैं।
जमीन का कब्जा नहीं लेने के कारण यहां पर बजरी-ईंटों की सप्लाई करने वाले ट्रक-ट्रेक्टर मालिकों ने अपने वाहन खड़े करने शुरु कर दिए। धीरे-धीरे यह स्थान बजरी-ईंट मण्डी में तब्दील हो गया। हाल ही स्थानीय नागरिकों ने अवैध ट्रक-टैक्टरों को हटाकर यहां पेड़-पौधे लगा दिए और चारों तरफ तारबंदी कर दी। दो-तीन दिन से इस मामले को लेकर यहां बवाल भी चल रहा है। स्थानीय नागरिकों व संघर्ष समिति ने अवैध मण्डी फिर से ना लगे, इसकी सूचना एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को देते हुए जमीन का कब्जा लेने और पक्की चारदीवारी बनाने की बात रखी। एनएचएआई ने मौका निरीक्षण कर लिया है। संभावना है कि जल्द ही एनएचएआई जमीन को कब्जे में लेकर चारदीवारी करेगा। बायपास के दूसरी तरफ जमीन को लोगों ने कचरागाह बना दिया है। खाली जमीन देखकर लोगों ने वहां कचरा फैंकना शुरु कर दिया।
– जनता की सजगता से मिली जमीन
करीब एक दशक से अधिक समय से एनएचएआई की यह जमीन अवैध बजरी मण्डी में तब्दील हो गई। विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को इस बेशकीमती जमीन के बारे में पता नहीं था। अवैध मण्डी से आजिज लोगों ने इसकी शिकायत नगर निगम व जिला प्रशासन को की। यहां नगर निगम ने दो-तीन बार कार्यवाही करके अवैध मण्डी व अतिक्रमण को हटाया, लेकिन जमीन की तारबंदी नहीं करने के कारण फिर यहां ट्रक-ट्रैक्टर खड़े होने लगते। बार-बार शिकायतों के बाद प्रशासन को पता चला कि यह जमीन तो एनएचएआई की है। इस पर स्थानीय लोगों ने एनएचएआई के अधिकारियों से मिले और उक्त बेशकीमती जमीन से अवगत कराया।
– अवैध मण्डी और अवैध गतिविधियों से जनता परेशान
एनएचएआई की इस जमीन पर अवैध बजरी-ट्रक मंडी की आड़ में यहां गैर कानूनी गतिविधियां भी होने लगी थी। सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी अवैध तरीके से बजरी बेची जा रही थी। वहीं शराब समेत अन्य नशे की सप्लाई और नशेडियों का जमावड़ा होने लगा था। ट्रकों व ट्रैक्टरों के कारण मुख्य मार्ग तक बाधित होने लगा। आठ दस कॉलोनियों का तीस फीट रास्ता बंद हो गया। इससे महिला व बच्चियों का निकालना दूभर हो गया था। स्थानीय नागरिकों ने यहां हो रही अवैध गतिविधियों के वीडियो भी बना रखे हैं, जिन्हें जनप्रहरी एक्सप्रेस को दिखाए हैं। वीडियो में शराब पीते और बेचते लोग दिख रहे हैं। जुआं-नशाखोरी हो रही है। दूसरे गलत काम भी होने लगे। इसी से आजिज आकर सैकड़ों पुरुष व महिलाओं ने उक्त जमीन के चारों तरफ तारबंदी करके और वहां पौधे लगाकर पार्क बना दिया और उक्त जमीन का कब्जा लेने के लिए एनएचएआई को लिखित पत्र दिया है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी पत्र प्रेषित किया है।