देश-दुनिया में कोरोना और ओमीक्रॉन तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार को भी कोरोना केसों का आंकड़ा पूरा देश में पचास हजार पार रहा। सर्वाधिक तौर पर मुम्बई में बीस हजार रोगी मिले। दिल्ली, गुजरात, बंगाल, उड़ीसा, पंजाब आदि राज्यों में भी कल की तुलना में गुरुवार को केस अधिक मिले। राजस्थान और राजधानी जयपुर में भी कोरोना केस बढ़कर क्रमश: 2656 व 1439 पहुंच गए। जिस तरह से देश और राजस्थान में कोरोना केस आ रहे हैं, उसे देखते हुए लगता है कि यह महामारी फिर से फैलती दिख रही है। मुम्बई, दिल्ली, जयपुर में तो जैसे कोरोना की सुनामी सी आती दिख रही है। हर दूसरे दिन तीस से पचास फीसदी मामले बढ़ते हुए आ रहे हैं। आज राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ भी कोरोना पॉजिटिव आ गए। सरकारी कार्यालयों, शिक्षण संस्थानों में भी यह रोग फैलने लगा है। तेजी से बढ़ते कोरोना व ओमीक्रॉन को देखते हुए केन्द्र और राजस्थान सरकार अलर्ट है। टेस्टिंग भी बढ़ा दी है, लेकिन दूसरी लहर की तरह अभी भी टेस्टिंग काफी कम है। इसे बढ़ाना चाहिए। इस बार यह वायरस कम घातक है और लक्षण भी नहीं दिख रहे हैं। जिसके चलते लोग खांसी, जुकाम, बुखार होने पर टेस्ट नहीं करवा रहे हैं और ना ही कोविड नियमों की पालना कर रहे हैं। यहीं वजह से है कि यह वायरस तेजी से फैल रहा है। ऐसे में हल्के लक्षणों वालों की टेस्टिंग होनी चाहिए। सरकार को भी टेस्टिंग बढ़ानी होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि वैक्सीनेशन के चलते वायरस का प्रकोप ज्यादा नहीं है, लेकिन यह वायरस तेजी से बदलता है। ऐसे में सावधानी जरुरी है। सावधानी नहीं बरतने पर इस रोग के फिर से लहर के तौर पर उभरने की पूरा अंदेशा है। पहली व दूसरी लहर की तरह अगर तीसरी लहर आई तो हालात भयावह भी हो सकते हैं। विशेषज्ञ बढ़ते केसों को देखते हुए जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी के प्रथम सप्ताह तक देश में तीसरी लहर का अंदेशा जता रहे हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि जिन शहरों व राज्यों में यह वायरस तेजी से फैल रहा है, वहां टेस्टिंग बढ़ाई जाए। कोविड नियमों की पालना के लिए सख्ती बरतें। तभी देश में कोरोना की तीसरी लहर या कहे सुनामी पर रोक लग सकेगी।
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