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छबड़ा विधायक व पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने कहा कि राज्य सरकार ने तीन साल पूरे होने पर पूरे प्रदेश में यह होर्डिंग लगा रखे हैं कि घोषणा पत्र के 70 प्रतिशत वादे पूरे हो गए हैं, लेकिन किसान की संपूर्ण कर्ज माफी और बेरोजगारों को भत्ता देने का वादा अभी तक अधूरा है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में किसानों के वोट हासिल करने के लिए उन्हें सत्ता में आने पर पूरा कर्ज माफ करने का वादा किया। कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो चुनावी सभाओं में बाकायदा गिनती गिनते हुए 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया, लेकिन तीन साल से ज्यादा समय होने के बाद भी इस पर अमल नहीं हुआ है।

सिंघवी ने कहा कि प्रदेश के किसान कांग्रेस के कर्जमाफी के झांसे में फंस गए और उन्होंने इस उम्मीद में कर्ज नहीं चुकाया कि यह माफ हो जाएगा। कांग्रेस के भरोसे में ठगे गए इन किसानों की अब जमीन नीलाम हो रही है। अब तक हजारों किसानों की जमीन नीलाम हो चुकी है। विधायक ने कहा कि राज्य सरकार किसानों कर्ज माफ करने की बजाय इस मामले में केंद्र सरकार को पत्र लिखकर भ्रम फैला रहे हैं। कांग्रेस को बहाने बनाने की बजाय यह बताना चाहिए कि घोषणा-पत्र में वादा करते समय उसे कर्ज माफी की प्रक्रिया का पता नहीं था।

पूर्व मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों को ही नहीं, भत्ता देने के नाम पर बेरोजगारों को भी ठगा। उन्होंने इस उम्मीद में कांग्रेस को वोट दिया कि सरकार आने पर उन्हें भत्ता मिलेगा, लेकिन मिला कुछ नहीं। विधायक ने कहा कि राज्य सरकार पूर्ववर्ती सरकार के समय निकली भर्तियों को ही पूरा नहीं कर पा रही है। एक भी परीक्षा ऐसी नहीं है, जिसका पैपर आउट नहीं हुआ हो। इस बात के भी पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं कि सरकार में उच्च पदों पर बैठे लोगों की सरपरस्ती में पैपर लीक गिरोह अपना काम कर रहे हैं, लेकिन जांच एजेंसी गुर्गों को पकड़ पल्ला झाड़ रही है।

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