– 12वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस वर्चुअल आयोजित, मजबूत लोकतंत्र के लिए मताधिकार में विवेक और दायित्व भावना जरूरी
जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रत्येक नागरिकों से आह्वान किया है कि मजबूत लोकतंत्र के लिए उन्हें अपने मत का प्रयोग पूरे विवेक और दायित्व भावना के साथ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में एक मत योग्य जनप्रतिनिधि चुन सकता है, वहीं बिना सोच-समझ कर प्रयोग किया गया मत अयोग्य का भी चयन कर सकता है। मिश्र 12वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में मंगलवार को यहां राजभवन से वर्चुअल सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक-एक मतदाता को जोड़ने की अवधारणा के तहत राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन भारत निर्वाचन आयोग की महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि मतदान के जरिए ऎसे जनप्रतिनिधियों को चुना जाना चाहिए जो देश को विकास और प्रगति के पथ पर आगे ले जा सकें। राज्यपाल मिश्र ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इस वर्ष मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण में जोड़े गए 20 लाख से अधिक नव मतदाताओं में से 95 प्रतिशत से अधिक ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से जोड़े गए हैं। राज्यपाल ने कहा कि वर्ष में चार बार मतदाता पंजीकरण की नई व्यवस्था का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए ताकि युवा 18 वर्ष की आयु प्राप्त करते ही पंजीयन करा सकें।
कार्यक्रम में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा का राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर देश की जनता के नाम संदेश का वीडियो प्रसारित किया गया। उन्होंने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व कानून में महत्वपूर्ण संशोधन के बाद अब 18 वर्ष पूर्ण करने वाले युवाओं के नाम निर्वाचक नामावली में जोड़ने की प्रक्रिया वर्ष में चार बार करवाई जा सकेगी। अब प्रति वर्ष एक जनवरी, एक अप्रेल, एक जुलाई और एक अक्टूबर को 18 वर्ष पूर्ण करने वाले युवाओं के नाम निर्वाचक नामावली में जुड़वाए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि मतदाता पहचान पत्र को आधार संख्या से जोड़ने की पहल मतदाता सूची से दोहराव हटाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
राज्य निर्वाचन आयुक्त प्रेम सिंह मेहरा ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया को सुगम, समावेशी, सहभागी और वोटर फ्रेंडली बनाने के लिए देश-प्रदेश में निरंतर प्रयास किए जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रीकरण प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप को कम करने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत इसे समावेशी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1951-52 में देश में लोकसभा चुनाव में कुल मतदाता 17 करोड़ 32 लाख थे, जो वर्ष 2019 में बढ़कर 91 करोड़ 20 लाख से अधिक हो गए। उन्होंने कहा कि पहले लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत 44.8 प्रतिशत था, जो वर्ष 2019 में 67 प्रतिशत पर पहुंच गया।
-निर्वाचन का अधिकार लोकतंत्र का सबसे बड़ा उपहार
मुख्य सचिव  निरंजन आर्य ने कहा कि आमजन को स्वयं को शासित करने के लिए निर्वाचन का अधिकार लोकतंत्र का सबसे बड़ा उपहार है। निर्वाचन प्रक्रिया में हर नागरिक को जोड़ा जा सके और हर मतदाता की सहभागिता सुनिश्चित की जा सके, इस दृष्टि से मतदाता जागरुकता के लिए प्रशासन के स्तर पर भी व्यापक प्रयास किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान जैसे विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले राज्य में चुनाव प्रक्रिया को समावेशी, सहभागी एवं सुगम बनाने की जिम्मेदारी का सभी को पूरी तत्परता से निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान की गरिमा को बनाए रखने का प्रण लेने का भी सभी से आह्वान किया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी  प्रवीण गुप्ता ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य नए मतदाताओं को प्रोत्साहित करना, उनका अधिकाधिक नामांकन करना और उन्हें जागरुक बनाना है। इस वर्ष राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम ‘चुनावों को समावेशी, सुगम एवं सहभागी बनाना’ रखी गई है। उन्होंने कहा कि निर्वाचक नामावली पुनरीक्षण अभियान में ऑनलाइन आवेदन लेने में राजस्थान अग्रणी रहा है। पुनरीक्षण अभियान में प्रदेश में 29 लाख से अधिक ऑनलाइन आवेदन मिले, जो देश में सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन व 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के लिए होम वोटिंग का प्रावधान किए जाने से दिव्यांग मतदाताओं के वोटिंग प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। निर्वाचन विभाग की स्टेट आइकन शताब्दी अवस्थी ने कहा कि एक-एक मत से देश का भविष्य निर्धारित होता है। इसलिए नव मतदाता मतदान दिवस को अवकाश के रूप में नहीं लेकर जब भी मतदान होता है तब जिम्मेदार नागरिक के रूप में अनिवार्य रूप से मतदान करना सुनिश्चित करें।
राज्यपाल श्री मिश्र ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2022 के पोस्टर का विमोचन किया तथा मतदाताओं को शपथ भी दिलवाई। कार्यक्रम के आरम्भ में राज्यपाल श्री मिश्र ने संविधान की उद्देश्यिका एवं मूल कर्तव्यों का वाचन भी करवाया। कार्यक्रम में नव पंजीकृत मतदताओं डिम्पल अरोड़ा, दिव्यम जांगिड़ एवं विशेष योग्यजन नव मतदाता सुश्री मुनजा को फोटो युक्त ईपिक कार्ड भी प्रदान किए गए।
– ईपिक किट भेजने की नई पहल
कार्यक्रम के दौरान नई पहल के रूप में बहुरंगी लिफाफे में ईपिक किट भेजने की नई व्यवस्था की शुरुआत भी जयपुर जिले के मालवीय नगर एवं बस्सी विधानसभा क्षेत्र से की गई। यह व्यवस्था आगे पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी। जिला निर्वाचक अधिकारी एवं जिला कलक्टर जयपुर श्री राजन विशाल ने डाकघर वरिष्ठ अधीक्षक प्रियंका गुप्ता को बहुरंगी लिफाफा सौंप कर इसका शुभारम्भ किया। उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता, सम्पत्ति सहित विभिन्न जानकारी आमजन को उपलब्ध कराने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू किए गए ‘नो यॉर कैंडिडेट एप’ और मतदाता पहचान पत्र को डिजिटल बनाने के लिए मोबाइल से लिंक ई-एपिक कार्ड के बारे में भी कार्यक्रम में जानकारी दी गई।  कार्यक्रम में राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार, अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी कृष्ण कुणाल, कॉलेज शिक्षा आयुक्त शुचि त्यागी, राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल, राज्य के सभी सम्भागीय आयुक्त, जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, जिला स्तर पर सम्मानित होने वाले कर्मचारी, अधिकारी, छात्र-छात्रायें, स्वयं सेवी संगठनों के सदस्यगण वर्चुअल उपस्थित रहे।
– अधिकारियों-कर्मचारियों को मिला सम्मान
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के उपलक्ष में निर्वाचन प्रक्रिया में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों को राज्यपाल की ओर से राज्य स्तरीय सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अतंर्गत जल जीवन मिशन राजस्थान के मिशन निदेशक एवं तत्कालीन जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) अजमेर प्रकाशराज पुरोहित, जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) चूरू एवं तत्कालीन जिला कलक्टर करौली सिद्धार्थ सिहाग, जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) हनुमानगढ़ नथमल डिडेल, विशिष्ट सचिव आयोजना एवं तत्कालीन जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) श्रीगंगानगर जाकिर हुसैन, जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) अलवर नन्नूमल पहाड़िया, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार आयुक्त एवं तत्कालीन कॉलेज शिक्षा आयुक्त संदेश नायक, जेवीवीएनएल सचिव एवं तत्कालीन उपजिला निर्वाचन अधिकारी (एडीएम) जयपुर जगजीत सिंह मोगा, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी निर्वाचन विभाग जयपुर पुनीत कोहली को सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त उपजिला निर्वाचन अधिकारी (एडीएम) डूंगरपुर कृष्णपाल सिंह चौहान, जिला परिषद सीईओ जोधपुर एवं तत्कालीन निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एसडीएम) चौमूं  अभिषेक सुराणा, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एसडीएम) कठूमर  रामकिशोर मीना द्वितीय, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एसडीएम)  बायतू जगदीश सिंह आशिया, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एसडीएम) गंगापुर सिटी अनिल कुमार चौधरी, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एसडीएम) श्रीगंगानगर दयानन्द रुयाल, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एसडीएम) श्रीडूंगरगढ़ सुश्री दिव्या, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एसडीएम) धौलपुर सुश्री भारती भारद्वाज, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एसडीएम) बांसवाड़ा परवत सिंह चूंडावत को जिलास्तरीय कार्यक्रम में राज्य स्तरीय सम्मान से सम्मानित किया गया।
बूथ लेवल अधिकारियों में सुरेन्द्र डागरिया, पर्यवेक्षक, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-धरियावद, प्रतापगढ़,  मनीष ठाकुर, बीएलओ, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-बीकानेर पूर्व, बीकानेर, नरेन्द्र सिंह यादव, बीएलओ, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-तिजारा, अलवर, सूरज भान, बीएलओ, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-रामगंज मंडी, कोटा, दीपक कुमार जैन, बीएलओ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-बाड़मेर, उग्रसेन चालिया, बीएलओ, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-पीलीबंगा, हनुमानगढ़, देवी लाल गमेती, बीएलओ, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-उदयपुर ग्रामीण, उदयपुर, रामकेश मीणा, बीएलओ, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-डेगाना, नागौर, गजानंद सैनी, बीएलओ, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-खण्डेला, सीकर, सुकुमाल जैन, बीएलओ, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-सांगानेर, जयपुर,  रविन्द्र सिंह, बीएलओ, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-बाडी, धौलपुर को सम्मानित किया गया।
इसके अतिरिक्त मजहर हुसैन, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी, उदयपुर,  लक्ष्मण सिंंह चौधरी, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी, चूरू,  मनीष कुमार, सूचना सहायक, कार्यालय निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, मालवीय नगर, जयपुर,  पुनीत शर्मा, मुख्य आयोजना अधिकारी एवं सहायक प्रभारी स्वीप प्रकोष्ठ, उदयपुर,  बाबूलाल सकलेचा, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी, कार्यालय जिला निर्वाचन अधिकारी, बाड़मेर, जयपुर,  रामप्रकाश शर्मा, कार्यालय डीईओ, राजसमन्द को भी सम्मानित किया गया।

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