इस्लामाबाद. 8 साल पुराने फॉरेन फंडिंग केस में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी दोषी करार दिए गए हैं। इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान ने इमरान को नोटिस देकर पूछा है कि उनके तमाम अकाउंट्स सीज क्यों नहीं कर दिए जाएं। इमरान और उनकी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने पहले भी इस मामले में जवाब नहीं दिए थे। कमीशन के फैसले के मुताबिक तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने 34 विदेशी नागरिकों और 351 कंपनियों से चंदा लिया। सिर्फ 8 जनरल अकाउंट्स की जानकारी दी, 13 में ब्लैक मनी रखा और इन्हें छिपाया। इसके अलावा 3 खाते ऐसे भी हैं, जिनकी गहन जांच जारी है। कमीशन को इमरान ने झूठा हलफनामा दिया। पाकिस्तान के अखबार द न्यूज ने इलेक्शन कमीशन के डॉक्यूमेंट्स के हवाले से कहा इमरान और उनकी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने अमेरिका में रहने वाली भारतीय मूल की बिजनेस वुमन रोमिता शेट्टी से करीब 14 हजार डॉलर डोनेशन लिया।
इमरान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पर आरोप थे कि उन्होंने भारत समेत कई देशों से अरबों रुपए का फंड जुटाया और इसकी जानकारी सरकार, इलेक्शन कमीशन या फाइनेंस मिनिस्ट्री को नहीं दी। खास बात यह है कि इमरान चार महीने पहले तक जिन चीफ इलेक्शन कमिश्नर सिकंदर सुल्तान राजा की तारीफ करते नहीं थकते थे, अब उन्हें ही हटाने की मांग कर रहे थे। खान और उनकी पार्टी के तमाम अकाउंट्स सीज कर दिए गए हैं। ताउम्र चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जा सकती है। पार्टी पर भी बैन लगाया जा सकता है। पाकिस्तान में विदेश से कोई पॉलिटिकल डोनेशन हासिल करना गैरकानूनी है।
14 नवंबर 2014 से इस केस पर सुनवाई चल रही थी, लेकिन फौज के लाड़ले इमरान को बचाने के लिए हर तरीका आजमाया गया। जब इमरान की सरकार गिरी और वो फौज को ही धमकाने लगे तो इस केस की सुनवाई रोजाना होने लगी।