जयपुर. शाम साढ़े सात बजे थे। जयपुर की सूरज पोल अनाजमंडी के पीछे सत्यनारायण तांबी के घर की महिलाएं आपस में बात कर रही थीं। बच्चे टीवी देख रहे थे। अचानक बंदूक लेकर 5 लोग पहली मंजिल पर बने उनके घर में घुसे। अगले लगभग 45 मिनट इस परिवार के साथ जो बीती, वे उसे जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगे।
जयपुर में हुई इस सवा करोड़ की डकैती का पहला चश्मदीद है सत्यनारायण तांबी का 13 साल का पोता श्रेयांश। डकैती करने आए बदमाशों ने श्रेयांश को ही बंदूक की नोक पर पूरे घर में अपने साथ घुमाया। गन पॉइंट पर होने के बाद भी बच्चे ने पैसों की जानकारी देने से मना कर दिया, लेकिन एक धमकी के आगे वह बेबस हो गया। श्रेयांश ने डकैती से जुड़े कई चौंकाने वाले तथ्य बताए। उन्होंने हमारा फोन ले लिया और टीवी बंद कर दी। फिर बोले कि हम लोग इनकम टैक्स से आए हैं। हमने पूछा कि आपका आईडी कहां है तो बदमाशों ने गन दिखाकर बोला कि आपको आईडी की जरूरत है क्या? हम एक कमरे में चार जने थे, मैं, मेरा भाई, मेरी मम्मी और मेरी दादी। हम चारों को उठाकर मेरे चाचा के कमरे में लेकर गए। सबसे पहले उनके भी सारे फोन ले लिए, फिर उसके बाद उन्हें भी गन पॉइंट पर रखकर हम सबको एक कमरे में ले आए। हमको गन दिखाकर दादी के कमरे तक ले गए। फिर हमसे कहा गया कि कोई भी हमारी तरफ नहीं देखेगा, सब दीवार की तरफ देखेंगे। सबके मुंह पर टेप लगा दिया और हाथ बांध दिए। हाथ पीछे से बांधकर 5 मिनट तक बैठा दिया। फिर मेरे को उठाया और कहा- बेटा इधर आना। मुझे हमारे कमरे में ले गए। गन दिखाकर मुझे ये सब कुछ पूछ रहे थे, तो मैंने सब बता दिया। वे मुझे वहां से दादी के कमरे में ले गए। उनको पता था कि यहां मोटा माल होगा। दादी के कमरे के बाद फिर मुझे अपने कमरे में लेकर गए। मैंने थोड़ी हिम्मत दिखाते हुए बोला कुछ पता नहीं है। धमकी दी कि तेरे मां-बाप को उड़ा दूंगा। मैंने उन्हें फिर सब कुछ बता दिया।
उन्होंने अलमारी को तोड़ा, लेकिन मुझे देखने नहीं दिया कि लॉक कैसे तोड़ रहे हैं। तोड़कर सब ज्वेलरी निकाल ली। चाचा के कमरे में ले गए और कैश के बारे में पूछा। मुझे इस बारे में पता नहीं था। मैंने कह दिया कि इन अलमारी में देख लो, मुझे जानकारी नहीं है। पुलिस अफसरों ने बताया कि डकैती की वारदात में व्यापारी के यहां काम करने वाला कोई व्यक्ति शामिल हो सकता है। उसे पता था कि कैश और ज्वेलरी कहां पर रखी है। वह वारदात में शामिल हो सकता है। अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। इस मामले में अब तक 18 लोगों को डिटेन किया गया है। इनसे पूछताछ की जा रही है। अब तक कि पूछताछ से सामने आया है कि कोई नजदीकी जानकार ही डकैती में शामिल था। सत्यनारायण तांबी की दुकान में काम करने वाले दोनों मुनीमों से भी पूछताछ की गई है। डकैती के बाद बदमाशों के फरार होने के लगभग आधे घंटे बाद पुलिस को जानकारी मिली। बदमाश तांबी के परिवारवालों के हाथ और मुंह बांधकर फरार हुए थे। उन्होंने एक-दूसरे का हाथ खोले, मुंह से पट्टा हटाकर चिल्लाने लगे तो भीड़ इकट्ठी हो गई। इसके बाद पुलिस को जानकारी दी गई।