जयपुर/सामोद। नए साल पर सीकर में पलसाना के पास यमदूत बनकर पिकअप से भिड़े ट्रक से सामोद कस्बे के एक ही परिवार के 8 लागों सहित एक मित्र की मौत हो गई। गांव में जिसने भी हादसे की सुनी, वही सहम गया। सोमवार को एक ही परिवार के 8 लोगों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। आसपास के गांवों सहित हजारों लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए। हादसे के बाद सामोद कस्बे में शोक की लहर है। सोमवार को व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। परिवार के लोग नव वर्ष पर खंडेला के गणेश मंदिर सहित अन्य देव स्थानों के दर्शन करने गए थे। हादसे में एक ही परिवार के तीन सगे भाई, बहन और एक बहू की मौत हो गई। वहीं इसी परिवार के मृतकों के चचेरे भाइयों की दो पत्नी, एक भतीजा व गांव निवासी एक मित्र की मौत हो गई। कस्बे के खटीकों का मोहल्ला निवासी कैलाश मल्होत्रा व सुवालाल मल्होत्रा का परिवार सुबह करीब 10 बजे पिकअप से नए साल पर सीकर और आसपास देव स्थानों पर दर्शनों के लिए गए थे। शाम को वापस लौटते समय पलसाना के पास ट्रक, बाइक व पिकअप के बीच भीषण सडक़ हादसे में दोनों परिवारों के 8 लोगों की मौत हो गई। इनके अलावा मृतकों के एक मित्र की भी मौत हो गई। हादसे में मौत के समाचार मिलते ही गांव में सनसनी फैल गई। जिसे भी समाचार मिला वह पीड़ित परिवार के घर की ओर दौड़ पड़ा। सूचना के बाद परिवार के अन्य सदस्य पलसाना के लिए निकल गए। घर पर केवल मृतकों की मां कमली देवी मौजूद रही। जानकारी के अनुसार मृतक विजय और उसका भाई अजय कबाड़ी का काम करते थे। दोनों भाइयों की दो साल पहले ही कोरोना काल के दौरान शादी हुई थी। नव वर्ष पर परिवार को देव स्थानों के दर्शन कराने के लिए रविवार सुबह करीब 10 बजे घर से पिकअप गाड़ी में परिवार के 14 जने एक साथ रवाना हुए थे। हादसे की सूचना के बाद परिवार के अन्य सदस्य घटना स्थल पलसाना निकल गए। इस दौरान घर पर ताला लटका रहा। मृतकों की मां जब बाजार से घर लौटी तो पड़ोसियों से जानकारी मिली। पड़ोसी महिलाएं बुजुर्ग मां को अपने घर पर ले गई। हादसे की सूचना पर एकत्र हुए ग्रामीण ने बेटों की मौत का समाचार मां को नहीं दिया। अनहोनी की आशंका पर मां कमली देवी की रुलाई थमने का नाम नहीं ले रही थी, वह फूट-फूटकर रो पड़ी। आसपास की महिलाएं उसे ढाढ़स बंधाती रही। इस दौरान वह कई बार बेसुध भी होती रही। हल्की सी आहट से ही चीखने लगती कि उसका बेटा व परिवार आ गया।

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