जयपुर. जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों की रिहाई के बाद गुरुवार को पीड़ित परिवार के सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की है। वरिष्ठ अधिवक्ता हेमंत नाहटा ने बताया कि उच्च न्यायालय ने जांच में कमी होने के कारण आरोपियों को बरी कर दिया था। इस मामले में कोई भी कमी बरी होने का एकमात्र आधार नहीं हो सकती है। अगर जांचकर्ता द्वारा सबूत सामने नहीं लाए तो अदालत के पास अपील के स्तर पर भी अतिरिक्त साक्ष्य के रूप में शक्ति थी जिसे इस्तमाल करते हुए सांगानेरी गेट मंदिर के पास मृतक ताराचंद की पत्नी राजेश्वरी देवी और चांदपोल हनुमान जी मंदिर के पास मृतक पीड़ित मुकेश तिवारी के पुत्र अभिनव तिवारी ने शीर्ष अदालत में एसएलपी दायर की। इस दौरान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और अरुण चतुर्वेदी भी पीड़ित परिवार के सदस्यों के साथ मौजूद रहे। इस दौरान मृतक ताराचंद की पत्नी राजेश्वरी देवी दिखा की राजस्थान सरकार की लापरवाही की वजह से बम ब्लास्ट के दोषियों की रिहाई हुई है। इसलिए आज हम लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। ताकि मेरे पति और दर्जनों बेगुनाह लोगों के हत्यारों को सजा मिल सके।
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