ओसियां हत्याकांडः पारिवारिक जमीन विवाद व भाई की संदिग्ध हालात में मौत का बदला लेने के लिए रची थी साजिश -जनप्रहरी एक्सप्रेस
जोधपुर। जिले के ओसियां थानान्तर्गत रामनगर ग्राम पंचायत के गंगाणियों की ढाणी में बुधवार सुबह चार बजे कुल्हाड़ी से वार कर पूनाराम (60), पत्नी भंवरी देवी (55) और पुत्रवधू धापू देवी (25) की हत्या कर दी गई। इसके बाद इन शवों को झोंपड़े में रखकर आग लगा दी गई। इतना ही नहीं आरोपी ने 6 महीने की मासूम बच्ची मनीषा को जिंदा ही उस आग में जलने के लिए फेंक दिया। आरोपी मृतक पूनाराम के बड़े भाई का लड़का है। सुबह होने पर आसपास के ग्रामीणों को वारदात का पता लगा तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण धर्मेन्द्र सिंह यादव, जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता और अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। मामला गंभीर होने पर पुलिस महानिरीक्षक रेंज जोधपुर जयनारायण शेर भी मौके पर पहुंचे थे। आसपास के ग्रामीण व घरवालों से मिली जानकारी के आधार पर संदिग्धों से पूछताछ की गई। मृतक परिवार के बड़े पिता के पुत्र पप्पूराम बेरड़ को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में उसने हत्या करना स्वीकार कर लिया, जिस पर गंगाणियों की ढाणी निवासी पप्पूराम पुत्र (19) पुत्र भैराराम को गिरफ्तार किया गया। उससे हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी बरामद करने के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने पहले घर के बाहर सो रहे पूनाराम और भंवरी देवी की हत्या की। इसके बाद उसने घर में घुसकर धापू देवी को मौत के घाट उतारा। इसके बाद आरोपी बिस्तरों पर पूनाराम, भंवरी देवी, धापू देवी के शव को घसीटकर रसोई तक ले गया। जहां उसने तीनों को आग के हवाले कर दिया। वहीं मासूम को जिंदा जलाए जाने की आशंका है। पुलिस का कहना है कि मृतक पूनाराम बेरड़ व भाइयों के बीच जमीन को लेकर विवाद है। वहीं, आरोपी पप्पूराम के भाई की गत वर्ष गुजरात के सूरत में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी, जिसकी सूरत पुलिस जांच कर रही है। पप्पूराम व घरवालों को अंदेशा है कि भाई की मौत के पीछे पूनाराम व परिवार का हाथ था। इसी के चलते हत्या की गई थी।
– मर्डर का 4 घंटों में खुलासा, भतीजा गिरफ्तार
जोधपुर ग्रामीण जिले में थाना ओसियां क्षेत्र के चेराई कस्बे के पास रामनगर गांव में बुधवार को 4 जनों की निर्मम हत्या कर जलाने की घटना का पुलिस ने 4 घंटे के अंदर खुलासा कर हत्या के आरोपी पप्पू राम जाट पुत्र भैराराम (19)  वासी चेराई को गिरफ्तार कर लिया है। महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा ने बताया कि घटना की गम्भीरता को देख अतिरिक्त महानिदेशक अपराध दिनेश एमएन को ओसिया रवाना किया गया। घटना की सूचना मिलते ही आईजी रेंज जयनारायण शेर, एसपी धर्मेंद्र यादव समेत तमाम पुलिस और प्रशासनिक अमला तुरन्त मौके पर पहुँच गया। कानूनव्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त जाब्ता बुलाया गया। मौके पर डॉग स्क्वायड, फॉरेंसिक, साइबर टीम और डीएसटी की टीम द्वारा आवश्यक साक्ष्य एकत्रित किए हुए। गठित टीमों ने त्वरित कार्रवाई कर मात्र 4 घंटे के अंदर मामले का खुलासा कर आरोपी युवक पप्पू राम जाट को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि ततपरता से इस जघन्य घटना का खुलासा करने वाली जोधपुर ग्रामीण पुलिस की टीम बधाई की पात्र है। एसपी रूरल धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि गठित टीम द्वारा आस पड़ोसियों से पूछताछ की गई। रूट के सभी मार्गों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। साइबर टीम और डीएसटी ने तकनीकी डेटाबेस एकत्रित कर संदिग्धों के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त की। आसूचना इन तकनीकी डेटाबेस के आधार पर टीम ने सन्दिग्ध पप्पू राम को दस्तयाब किया। जिससे एसएचओ भोजासर इमरान खान द्वारा मनोवैज्ञानिक और तकनीकी रूप से पूछताछ के बाद घटना का खुलासा किया गया। पूछताछ में सामने आया कि रामनगर निवासी भाइयों भैराराम और पुनाराम के परिवार की बीच जमीनी विवाद चल रहा था। इसी बीच भैराराम के बेटे तेजाराम की संदिग्ध परिस्थितियों में गुजरात के सूरत शहर में मृत्यु हो गई। भैराराम को शक था कि उसके और पुनाराम (55) और उसकी पत्नी भंवरी देवी (50) की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी। उसके बाद अंदर सो रही पुत्रवधू धापू (24) और उसकी बेटी मनीषा 6 महीने की भी हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी ने चारों मृतकों को झोपडे में डालकर वहां आग लगा दी और भाग गया।
-मानवाधिकार आयोग ने लिया प्रसंज्ञान
ओसियां सामूहिक हत्याकांड मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया है। आयोग अध्यक्ष जस्टिस जीके व्यास ने मामले में प्रसंज्ञान लेते हुए जोधपुर रेंज आईज़ी व जोधपुर ग्रामीण एसपी से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी हैं। आयोग ने अपने आदेश में कहा कि यह कृत्य गंभीर मानव अधिकार हनन की श्रेणी में आता हैं। आयोग ने आदेश की प्रति जोधपुर रेंज आईजी व जोधपुर ग्रामीण पुलिस को भिजवाते हुए पूछा है कि यदि मृतक परिवार द्वारा संबंधित थाने में सुरक्षा बाबत कोई रिपोर्ट दी गई थी तो उस पर क्या कार्रवाई की गई। उसके बारे में भी आयोग को अवगत करवाएं। आयोग ने मामले की सुनवाई के लिए 27 जुलाई की तारीख नियत की हैं। अगली तारीख से पहले पुलिस को तथ्यात्मक रिपोर्ट आयोग को भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं।

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