टोक्यो. जापान में सोमवार को 7.6 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद यहां सुनामी आ गई। वाजिमा शहर में करीब 4 फीट ऊंची (1.2 मीटर) लहरें उठी हैं। जापान के वक्त के मुताबिक, यह ऊंची लहरें शाम 4.21 बजे दिखीं। कुछ जगहों पर एक मीटर से कम ऊंचाई की लहरें नजर आई हैं। एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि 5 मीटर (16 फीट) ऊंची लहरें उठ सकती हैं। कोस्टल एरिया में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा गया है। जापान की मेट्रोलॉजिकल एजेंसी ने सोमवार शाम कहा आने वाले दिनों में देश के कुछ हिस्सों में इसी तरह का भूकंप आने की आशंका है। लिहाजा, लोगों से अपील है कि वो सतर्क रहें। वाजिमा शहर के लोगों ने घर छोड़कर ऊपरी स्थानों पर जाना शुरू कर दिया है। रेस्क्यू टीम इसमें उनकी मदद कर रही है। वाजिमा शहर में एक बिल्डिंग ढहने की भी खबर है। इसके मलबे मे 6 लोग दबे हैं। इसी शहर के 35 हजार घरों में बिजली नहीं है। इधर, नॉर्थ कोरिया और रूस ने अपने सखालिन आइलैंड में अलर्ट जारी किया है। जापान भूकंप के सबसे ज्यादा सेंसिटिव एरिया में है। यहां भूकंप आते रहते हैं, क्योंकि ये दो टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है। इशिकावा प्रान्त, जहां भूकंप आया है, महासागर के चारों ओर भूकंपीय फॉल्ट लाइनों की एक घोड़े की नाल के आकार की श्रृंखला- रिंग ऑफ फायर के करीब स्थित है। रिंग ऑफ फायर ऐसा इलाका है जहां कॉन्टिनेंटल प्लेट्स के साथ ओशियनिक टेक्टॉनिक प्लेट्स भी मौजूद हैं। ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो भूकंप आता है। इनके असर से ही सुनामी आती है और वोल्केनो भी फटते हैं। दुनिया के 90% भूकंप इसी रिंग ऑफ फायर में आते हैं। यह क्षेत्र 40 हजार किलोमीटर में फैला है। दुनिया में जितने सक्रिय ज्वालामुखी हैं, उनमें से 75% इसी क्षेत्र में हैं। 15 देश- जापान, रूस, फिलीपींस, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका, कनाडा, अमेरिका, मैक्सिको, ग्वाटेमाला, कोस्टा रिका, पेरू, इक्वाडोर, चिली, बोलिविया रिंग ऑफ फायर की जद में हैं।

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