-पेपरलीक एवं नकल माफियाओं पर कार्यवाही करने के लिए एसआईटी का गठन
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा का उद्देश्य केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ अंतिम पायदान तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए हमारा प्रयास है कि प्रदेश में गरीब, युवा, महिला, किसान को योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ मिले एवं एक भी पात्र व्यक्ति योजनाओं से वंचित नहीं रहे। इससे वे स्वयं आत्मनिर्भर बनते हुए देश को विकसित राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में आपकी सरकार है, यह आपकी उम्मीदों पर खरा उतरेगी। शर्मा बुधवार को सीकर की ग्राम पंचायत बोसाना में आयोजित ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ शिविर का अवलोकन कर आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना के माध्यम से देशभर में सबसे सस्ता रसोई गैस सिलेंडर प्रदेशवासियों को मिल रहा है। साथ ही, हम संकल्प पत्र के सभी वादों को पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगार युवाओं के विश्वास को बनाए रखते हुए पेपरलीक एवं नकल माफियाओं पर कार्यवाही करने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी के माध्यम से युवाओं को न्याय दिलाने के लिए त्वरित कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। यह सरकार युवाओं के विश्वास और सुनहरे सपनों को टूटने नहीं देगी। शर्मा ने कहा कि गत वर्षों में महिलाओं पर अत्याचार के मामले बड़े पैमाने पर राजस्थान में सामने आए हैं। हम मातृशक्ति की समुचित सुरक्षा के लिए कृतसंकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने वाले इस महा-अभियान में प्रदेशवासी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। शिविरों के माध्यम से 1 लाख 51 हजार से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ किसानों तक पहुंचाकर देशभर में हम प्रथम स्थान पर हैं। इन शिविरों में लगाए जा रहे स्वास्थ्य कैम्प में करीब 31 लाख से अधिक लोगों की स्वास्थ्य जांच की जा चुकी है। कुल 65 लाख प्रदेशवासियों के इन शिविरों में भाग लेने के साथ हम देशभर में अग्रणी राज्यों में शामिल हैं। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से पात्र व्यक्तियों तक योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने के दायित्व को निभाने का आह्वान किया। शर्मा ने कहा कि धोद क्षेत्र में पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए जल्द ही कार्ययोजना बनाकर काम शुरू कराया जाएगा। यहां पर खेल स्टेडियम का निर्माण भी कराएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आपके सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत शिविर का अवलोकन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना, प्रधानमंत्री जन-धन योजना, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना सहित अन्य योजनाओं की स्टॉल पर पहुंचकर सम्पूर्ण जानकारी ली तथा लाभार्थियों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को चैक भी वितरित किए। मुख्यमंत्री ने भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करने के लिए आमजन को शपथ दिलाई। इस अवसर पर सांसद सुमेधानंद सरस्वती, धोद विधायक गोवर्धन वर्मा, खंडेला विधायक सुभाष मील, पूर्व मंत्री सुभाष महरिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
– 100 बेड तक के अस्पताल के लिए अपशिष्ट प्रवाह मानकों में दी गयी शिथिलता
राजस्थान को ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस एवं स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में रोल मॉडल स्थापित करने एवं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के स्वस्थ एवं प्रगतिशील राजस्थान की सोच को साकार करने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में राज्य मण्डल द्वारा 29 दिसम्बर 2023 को आदेश जारी कर 100 बेड से कम क्षमता के ऐसे अस्पताल जो सार्वजनिक सीवर के माध्यम से सीवेज ट्रीटमेंट प्लान्ट से जुड़े हैं, उनके लिए अब पृथक ट्रीटमेन्ट प्लान्ट लगाना अनिवार्य नहीं होगा। ऐसे सभी अस्पतालों को जो सार्वजनिक सीवर के माध्यम से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से नहीं जुड़े हुए हैं अथवा मेडिकल कॉलेज/संस्था से जुड़े हुए हैं अथवा जहाँ पर्यावरण स्वीकृति लेना अनिवार्य है, उनको पृथक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त 100 बेड से अधिक क्षमता के अस्पताल को भी अब सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाना अनिवार्य होगा। राज्य मण्डल द्वारा जारी आदेशानुसार 100 बेड तक के अस्पताल जो सार्वजनिक सीवर के माध्यम से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़े है, उनके लिये निर्धारित मानकों में शिथिलन भी प्रदान किया गया है। ऐसे अस्पतालों को राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा जारी अपशिष्ट मानकों का अनुपालन करना अनिवार्य रहेगा। उक्त आदेश के तहत  सभी अस्पतालों को निर्धारित मानकों के अनुरूप डिसइंफेक्शन हेतु व्यवस्था भी स्थापित करनी होगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व में 50 से अधिक बेड वाले अस्पताल को एसटीपी संयंत्र स्थापित करना होता था वहीं अब जब नियमों में शिथिलता दी गयी है तो निश्चित तौर पर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थापना एवं संचालन सुविधाजनक हो सकेगी।

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