जयपुर. स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की टीम ने एसआई भर्ती-2021 पेपरलीक मामले में आज एडिशनल एसपी नविता खोखर के पति तुलसाराम को भी गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, गिरफ्तार तीनों महिला ट्रेनी एसआई को आज कोर्ट में पेश किया। एसओजी को जानकारी मिली है कि तीनों एसआई पहले भी एग्जाम में नकल कर चुकी हैं। एडीजी वीके सिंह ने बताया कि आज जोधपुर और जयपुर आरपीए से गिरफ्तार तीनों ट्रेनी एसआई को कोर्ट ने 7 दिन रिमांड पर भेजा है। एसओजी ने मनीषा सिहाग निवासी गंगाशहर (बीकानेर) ,अंकिता गोदारा निवासी नोखा (बीकानेर) और प्लाटून कमांडर प्रभा विश्नोई निवासी लोहावट (जोधपुर) को गिरफ्तार किया था। तीनों से एंटी चीटिंग सेल की टीम अलग-अलग पूछताछ कर रही है। एसओजी के पास इनपुट है कि इन तीनों महिला एसआई ने इससे पहले भी कई परीक्षाओं में नकल की। तुलसाराम बीकानेर में चाणक्य कोचिंग सेंटर चलाता था। जो चूरू जिले के रामपुर देवानी का रहने वाला है। वर्ष 1991 में पुलिस में भर्ती हुआ था। 1994 में हवाला के एक मामले में जब्त राशि अपने पास रखने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया। उसके बाद 2007 में उसने आरएएस का एग्जाम दिया। जिसमें 19वीं पोजिशन आई। वर्ष 2014 में वह अपने एक रिश्तेदार की जगह एसआई की परीक्षा देते हुए पकड़ा गया था। रीट एग्जाम में नकल करने के लिए ब्लूटूथ लगी चप्पल बनाने के मामले में गिरफ्तार हुआ था। इसके बाद जमानत मिल गई थी। तुलसाराम पेपरलीक मामला उजागर होने के बाद से फरार था। उसे बीकानेर, जोधपुर और एसओजी की टीमें लंबे समय से सर्च कर रही थीं। एसओजी ने पेपरलीक मामले की जांच में पहले ही तुलसाराम का नाम जोड़ लिया था। कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में उसके खिलाफ जांच पेंडिंग रखी गई थी। क्योंकि वह पकड़ में नहीं आ रहा था। आरोपी पेपरलीक, डमी कैंडिडेट बैठाने समेत कई गैर कानूनी काम में शामिल रहा है। तुलसाराम पेपर की व्यवस्था करने वाले पोरव कालेर का चाचा है। पोरव पहले से एसओजी की गिरफ्त में है। वहीं, पेपर सॉल्व करने वाला प्रवीण कुमार भी एसओजी की गिरफ्त में है। प्रवीण ने एसओजी की पूछताछ में बताया- वह अब तक 12 से अधिक परीक्षा दे चुका जिस में वह पास हुआ। लेकिन वह नौकरी नहीं करता। जॉब छोड़ देता है। आरोपी पहले केवल जगदीश बिश्नोई गैंग के लिए पेपर सॉल्व करने काम किया करता था। एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में प्रवीण ने पेपर दूसरी गैंग के गुर्गों को 10 लाख रुपए में बेच दिया। जगदीश और प्रवीण के बीच इस बात को लेकर विवाद भी हुआ था। आरोपी प्रवीण ने बताया कि उसने जगदीश से 14-15 सितंबर को पेपर सॉल्व करने के लिए लिया। उसे दूसरी गैंग को भेज दिया था। प्रवीण ने पहली बार वर्ष 2012 में बैंक पीओ की परीक्षा पास की थी। वर्ष 2013 में रोडवेज निरीक्षक, 2014 में एफसीआई में असिस्टेंट और 2017 में एसएससी की सीजीएल परीक्षा पास की। परीक्षा पास होने के बाद वह दस्तावेजों की जांच कराने के लिए कभी गया ही नहीं। साल 2017 में सीएजी कार्यालय में ऑडिटर पद पर जॉइन किया, लेकिन 2023 में उसने ये जॉब भी छोड़ दी।

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