बांसवाड़ा. राजस्थान में बुधवार को राइजिंग राजस्थान के तहत इनवेस्टर मीट हुई। इसमें बांसवाड़ा में गोल्ड माइनिंग के लिए 8 हजार करोड़ रुपए का निवेश आया, जिसके जरिए करीब 6 हजार लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा। जिले में होटल व रिसोर्ट के 65 करोड़ के 8 प्रस्ताव, 680 करोड़ की 3 मैगनीज़ की खदान, मिनरल प्रोसेसिंग के 60 करोड़ के 17 प्रस्ताव, बायोफ्यूल के 40 करोड़ के 4 प्रस्ताव और एग्रो प्रोसेसिंग के 50 करोड़ के 10 प्रस्ताव भी प्राप्त हुए है। 52 उद्योगपतियों से 8 हजार 936.46 करोड़ रुपए के एमओयू साइन किए गए, जिनकी संभावित डेड लाइन 2025-26 तक रखी गई है। सवाई माधोपुर में मीट में 34 निवेशकों ने एमओयू साइन किए। इनमें से 18 निवेशकों ने होटल और रिसोर्ट खोलने में दिलचस्पी दिखाई है। जैसलमेर में भी 78 में से 45 निवेशकों ने होटल, रिसोर्ट और डेजर्ट कैंप खोलने के लिए एमओयू किया है। वहीं जिले के रामगढ़ में सेरेंटिका रिन्युबल्स इंडिया लिमिटेड ने रामगढ़ में 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से एनर्जी पार्क डेवलप करने के लिए भी एमओयू साइन किया। बांसवाड़ा में इनवेस्टर्स मीट में सबसे बड़ा करार 8 हजार करोड़ का गोल्ड माइंस का रहा। वहीं 3 मैगनीज की माइनिंग के लिए 680 करोड़ का निवेश किया जाएगा। चारों माइंस की नीलामी हो चुकी है और चारों की निवेशक भी एक ही फर्म सैयद ओवेस अली है। फर्म के प्रतिनिधि ओमजी तरड़ ने बताया- गोल्ड माइंस को लेकर कोई विवाद की स्थिति नहीं है। काम शुरू होने में देरी की वजह पर्यावरण, वन विभाग और अरावली क्लीयरैंस है। गोल्ड माइंस में माइनिंग लाइसेंस की एलओई जारी होते ही काम शुरू कर देंगे। चारों माइनिंग शुरू होने पर जिले के करीब 9300 लोगों को रोजगार मिलेगा। 2025 तक चारों माइंस शुरू हो जाएगी। होटल उत्सव में हुई इस मीट में प्रभारी मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने बताया कि निवेशकों के जरिए 11463 लोगों को रोजगार मिल सकेगा। इनमें 4 बायोफ्यूल इकाइयों से करीब एक हजार लोगों को प्रत्यक्ष रूप में रोजगार मिलेगा। वहीं जगपुरा-भुकिया में अकेले गोल्ड माइंस के प्रोजेक्ट से करीब 6 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इनके अलावा भी अन्य प्रोजेक्ट से भी जिले के विकास को रफ्तार मिलेगी और करीब 5 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। इस मौके पर प्रभारी सचिव जीबी चतुर्वेदी और कलेक्टर डॉ इंद्रजीत यादव के अलावा जिला प्रमुख रेशम मालवीया, सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी और पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अगरवाला भी मौजूद रहे। मीट में लघु उद्योग भारती के सचिव दीनदयाल शर्मा ने कहा- बांसवाड़ा में पर्याप्त खनिज है, पानी है, पावर प्लांट बन रहा है। यहां पिछले सरकार ने 3 इंडस्ट्रियल एरिया की घोषणा की थी, लेकिन यहां सरकारी जमीन नहीं होने के कारण एक भी एरिया डेवलप नहीं हो सका। दानपुर क्षेत्र में पूर्व में थर्मल पावर प्लांट के लिए जमीन अलॉट की थी,अब प्लांट नहीं लग रहा तो उस जमीन को इंडस्ट्रियल एरिया के उपयोग में लिया जा सकता है। यह ट्राइबल क्षेत्र हैं, यहां विशेष रियायत देने की जरूरत है। यहां पर्यटन को बढ़ाया जा सकता है, लेकिन सुरक्षा के इंतजाम नहीं। त्रिपुरा सुंदरी मंदिर क्षेत्र में बहुत खनिज है, वहां करीब 100 एकड़ जमीन का डाइवर्जन होता है तो यह बड़ा गेम चेंजर होगा। सबसे बड़ी समस्या है कि संभाग बनने के बाद भी जिले में कोई फोर लेन सड़क नहीं, यह दुर्भाग्य है। निवेशक एनके बहेडिया ने कहा राजस्थान में वस्त्र नीति बनाने की जरूरत है, नीति सही नहीं होने के कारण कई उद्योग गुजरात और मध्य प्रदेश में स्थापित हो रहे हैं। सवाई माधोपुर में जिला प्रभारी मंत्री गौतम कुमार दक ने कहा- एसएन इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कुस्तला में अमरूदों की प्रोसेसिंग यूनिट, जयपुर टेक्नो एंटरटेनमेंट एंड म्यूजियम प्राइवेट लिमिटेड, जालान हॉस्पिटैलिटी एलएलपी, विपिक हॉस्पिटैलिटी प्राईवेट लिमिटेड, रीटी एस्टेट एलएलपी, जेकेजे रिसोर्ट प्राइवेट लिमिटेड सहित अन्य निवेशकों के माध्यम से 1119.17 करोड़ रूपए के एमओयू किए। इससे जिले के 5 हजार 394 युवाओं को रोजगार मिलेगा। यहां 34 में से 18 निवेशकों ने टूरिज्म इंडस्ट्री के प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखाई है, जिससे जिले में 18 नए होटल खुलना संभावित है। जैसलमेर और बाड़मेर में भी इनवेस्टर्स मीट आयोजित की गई। जैसलमेर में कुल 78 निवेशकों ने 25979 करोड़ के एमओयू साइन किए, जिससे 15500 लोगों को रोजगार मिल सकेगा। वहीं बाड़मेर में भी 115 निवेशकों ने भी कुल 2200 करोड़ रुपए के निवेश के एमओयू किया।

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