नई दिल्ली। यूपी चुनावों में कांग्रेस पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार रहे पीके अर्थात प्रशांत किशोर को अब पार्टी कार्यकर्ता ढूंढ रहे हैं। इसके उपरांत भी पीके कार्यकर्ताओं को नहीं मिल पा रहे हैं। यही वजह रही कि आखिरकार कार्यकर्ताओं की ओर से एक पोस्टर पार्टी मुख्यालय के बाहर लगा दिया गया। जिसमें कहा गया कि पीके को ढूंढकर लाने वाले को 5 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा। हालांकि इस पोस्टर के मामले की बात जब प्रदेशाध्यक्ष राज बब्बर के सामने आई तो उन्होंने इसे तत्काल हटवा दिया। साथ ही कहा कि इस मामले में किसी को जिम्मेदार ठहराना जल्दबाजी होगी। लेकिन यह विवाद को बल मिल गया कि अब पार्टी की हार का जिम्मा लेने के मामले में पीके को खुले में आकर कार्यकर्ताओं से माफी मांग लेनी चाहिए। गौरतलब है कि कांंग्रेस पार्टी ने यूपी चुनावों में पीके को अपना प्रमुख रणनीतिकार बनाया था। कहा जाता है कि सपा से गठबंधन के मामले में भी पीके की अहम भूमिका थी। इस गठबंधन से स्थानीय स्तर के नेताओं में खासी नाराजगी देखने को मिली थी। उस दरम्यान कई कार्यकर्ताओं ने खुले में गठबंधन का विरोध जताया था और कहा था कि पार्टी को गठबंधन न करे अकेले दम पर ही चुनाव लडऩा चाहिए था। हालांकि इस चुनाव में पार्टी को महज 7 सीटें ही मिली। इस मामले में कार्यकर्ताओं ने एक पोस्टर लगवा दिया। कहा जा रहा कि यह पोस्टर पार्टी सचिव राजेश सिंह ने लगवाए। इस मामले में राजेश सिंह ने कहा कि यह पोस्टर सभी कार्यकर्ताओं की ओर से लगवाया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल से पार्टी कार्यकर्ताओं के बेवकूफ बनाया गया। कार्यकर्ताओं ने पीके के हर आदेश को आंख मूंद कर स्वीकारा कोई सवाल भी नहीं किया। लेकिन जिस तरह से पार्टी की हार हुई उसके मामले में तो उन्हें जवाब देना ही होगा। बता दें प्रशांत किशोर वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में पीएम नरेन्द्र मोदी की धमाकेदार जीत के बाद चर्चाओं में आए और फिर बिहार में नीतीश कुमार को अपनी रणनीति के बल पर चुनाव विजयश्री दिलवाई। यद्दपि इस बार कांग्रेस के मामले में उनका यह दांव उलटा पड़ गया।
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