नई दिल्ली। दिल्ली में सत्तारुढ आम आदमी सरकार को शुक्रवार को बड़ा झटका मिला है। एलजी अनिल बैजल ने एक आदेश देकर आप पार्टी का दफ्तर छीन लिया है। एलजी बैजल ने यह कहते हुए दफ्तर का आवंटन रद्द कर दिया है कि शुंगलू समिति की रिपोर्ट में आप पार्टी को दफ्तर आवंटन गलत तरीके से बताया गया है। जमीन दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इसलिए वह किसी राजनीतिक दल को दफ़्तर के लिए जमीन के लिए नीति नहीं बना सकती है। एलजी बैजल के आदेश पर आप सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
आप नेता संजय सिंह ने कहा कि भाजपा के तीन विधायक हैं, उनका दफ्तर है। कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। उनके पास भी दफ्तर है, लेकिन दिल्ली में जिसकी सरकार है, उसका कोई दफ्तर नहीं होगा। दिल्लीवासी इस तरह की डर्टी ट्रिक्स को खूब समझ रहे हैं और देख भी रहे हैं। जनता इसका चुनाव में जवाब देंगी। गौरतलब है कि हाल ही जारी शुंगलू समिति की रिपोर्ट में आप पार्टी को दफ्तर दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि केजरीवाल सरकार ने आप को दफ्तर देने के लिए जो प्रक्रिया अपनाई है, वह अवैध है। इस रिपोर्ट के आधार पर एलजी बैजल ने दफ्तर का आवंटन रद्द कर दिया। शुंगलू समिति की रिपोर्ट और आप कार्यालय आवंटन रद्द फैसले को लेकर पार्टियों एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है।