नई दिल्ली। दल बदलने का दौर पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में देखने को मिला था। वही दौर एक बार फिर एमसीडी चुनाव में भी देखने को मिल रहा है। इस बार दिल्ली कांग्रेस के कद्दावर नेता कहे जाने वाले अरविंदर सिंह लवली ने भाजपा का दामन थाम लिया। इसके पीछे कारण जो बताए जा रहे हैं वो यह कि लवली एमसीडी चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर खासे खफा थे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मनोज तिवारी की मौजूदगी में उन्हें औपचारिक रुप से भाजपा की सदस्यता दिलवाई। हालांकि इस दरम्यान लवली की मान मनौव्वल भी की गई। लेकिन बात नहीं बन पाई। लवली के लिए कहा जा रहा है कि एमसीडी चुनाव में अजय माकन ने कांग्रेस के बड़े नेताओं को किनारे ही किए रखा। ऐसे में अनदेखी से नेता नाराज हो गए। उनमें लवली भी एक रहे। इस मामले में पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने कहा कि यह सही की दिल्ली कांग्रेस में सुधार की जरुरत है। लेकिन अरविंदर का चुनाव से पहले साथ छोडऩा गद्दारी है। कहा माकन किसी की सुन नहीं रहे तो नेता नाराज होने ही हैं। बता दें शीला दीक्षित सरकार में लवली शिक्षा मंत्री रहे हैं।
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