जयपुर। राजस्थान विधानसभा में जारी गतिरोध बुधवार को भी बरकरार ही रहा। सदन में हंगामा इस कदर हुआ कि स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए फिर मार्शलों का सहारा लेना पड़ा। हंगामा थमा नहीं तो एक निर्दलीय विधायक सहित 14 कांग्रेसी विधायकों की सदस्यता एक वर्ष के लिए निलंबित कर दी गई। बुधवार को विधानसभा में हंगामा प्रश्नकाल के समय पूरक प्रश्न पूछने को लेकर हुआ। कांग्रेस के सचेतक गोविंद सिंह डोटासरा पूरक प्रश्न पूछना चाहते थे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने इसकी इजाजत नहीं देकर भाजपा विधायक का नाम पुकार लिया। इसी को लेकर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेसी विधायकों की मांग थी कि डोटासरा को बोलने दिया जाए। जबकि स्पीकर मेघवाल ने कहा कि यह उनका विशेषाधिकार है कि किसे बोलने का मौका दिया जाए। कांग्रेस विधायक वैल में आ गए। इसे लेकर दोनों पक्षों के बीच हंगामा और नारेबाजी हुई। इस पर स्पीकर ने कांगे्रसी विधायकों को हुड़दंगी तक कह डाला और मार्शल बुलाकर वैल में आए कांग्रेस व अन्य पार्टी सदस्यों को बाहर निकालने का आदेश दे दिया। साथ ही सदन की कार्यवाही घंटेभर तक के लिए स्थगित कर दी गई। मार्शलों ने विधायकों को पकड़ कर बाहर निकाला। बाद में सदन की कार्यवाही दो मर्तबा और स्थगित की गई, फिर भी गतिरोध खत्म नहीं हो पाया। फिर से सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो स्पीकर काफी गुस्से में नजर आए और कहा कि सदन में इस तरह का हुड़दंग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्पीकर को यहां तक कहना पड़ा कि कांग्रेसी सदस्य देशभर में अपनी हार को नहीं पचा पा रहे हैं। अब तक मैं प्रतिपक्ष के प्रति उदार रहा, अब उदारता नहीं की जाएगी। इन हुड़दंगियों को विधायक नहीं कहा जा सकता। स्पीकर ने सत्ता पक्ष को निलंबन का प्रस्ताव लाने को कहा। जिस पर सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर ने निर्दलीय और कांग्रेस के 14 सदस्यों की सदस्यता एक वर्ष के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रख दिया। जिसे सदन ने पारित कर इनकी सदयस्ता एक साल के लिए निलंबित कर दी। इस पर भी मामला शांत नहीं हुआ और बाकि बचे कांग्रेसी विधायक विधानसभा में आए। उन्होंने स्पीकर से मांग की कि उन्हें भी बाहर निकाल दिया जाए। जिसे स्पीकर ने नहीं माना। विरोध स्वरुप कांग्रेस के बचे हुए सदस्य भी सदन से वॉकआउट ही कर गए।
-इनको किया निलंबित
गोविंद सिंह डोटासरा, हनुमान बेनीवाल, अशोक चांदना, रमेश मीणा, मनोज न्यांगली, शंकुतला रावत, हीरा लाल, धीरज गुर्जर, भजनलाल, घनश्याम मेहर, मेवाराम जैन, सुखराम विश्नोई, श्रवण कुमार व राजेन्द्र यादव।
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