नई दिल्ली। बिहार स्थित एचडीएफसी बैंक प्रबंधन की लापरवाही ने बुधवार को समूचे प्रदेश को शर्मसार कर दिया। वाकिया सुकमा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान रंजीत कुमार से जुड़ा हुआ है। जहां राज्य सरकार ने शहीद के परिजनों को सरकार की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि के तहत 5 लाख रुपए का चेक थमाया था। शहीद के परिजनों ने जब यह चेक बैंक खाते में लगाया तो वह सप्ताहभर बाद भी क्लियर नहीं हुआ। बैंक में पता किया तो उसे बाउंस होने की पुष्टि हुई। इसके बाद तो मामला मीडिया की सुर्खिया बन गया और आनन फानन में प्रशासन को आरटीजीएस के जरिए शहीद की विधवा के खाते में पैसा जमा कराना पड़ा। हालांकि मामला सामने आने के साथ संबंधित बैंक प्रबंधन के खिलाफ जांच बैठा दी गई। बता दें सुकमा हमले में शहीद रंजीत यादव की पत्नी सुनीता देवी को राज्य सरकार ने सहायता के तौर पर 5 लाख रुपए की राशि का चेक सौंपा था। यह चेक एचडीएफसी बैंक था। इसे शहीद की विधवा ने अपने एसबीआई खाते में जमा कराया, लेकिन सप्ताहभर तक चेक क्लियर नहीं हुआ। पता चला कि चेक बाउंस हो गया। इस पर मामला मीडिया में उछला तो प्रशासन में खलबली मच गई। जिस पर तुरत फुरत में प्रशासन ने सुनीता के खाते में पांच लाख रुपए की राशि डाली। सरकारी सहायता के भुगतान के मामले में हुई देरी को लेकर डीएम ने गंभीर लापरवाही माना और ब्रांच मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। डीएम ने बताया कि जिला प्रशासन के उक्त खाते में एक करोड़ रुपए की सहायता राशि पड़ी है। बैंक प्रबंधन की लापरवाही से सहायता राशि समय पर नहीं मिली, जो गंभीरता का विषय है।
-जनप्रहरी की ताजातरीन खबरों के लिए लाइक करें।
इस तरह लपरवाही एक जुर्म है
बैंक पर 10 गुना पेनल्टी लगानी चाहिए