जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि द्रव्यवती रिवर प्रोजेक्ट राज्य सरकार का एक लैंडमार्क प्रोजेक्ट है। गंदे नाले का रूप ले चुकी द्रव्यवती नदी को पुनर्जीवित करने के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को हर हाल में 15 अगस्त 2018 तक पूरा किया जाए। राजे बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर इस प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि यह परियोजना देश में एक मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में सामने आएगी। टाटा प्रोजेक्ट्स के निर्देशन में विश्वस्तरीय विशेषज्ञों की सहयोग से इस परियोजना में गंदे पानी को साफ करने के लिए 170 एमएलडी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, वॉक.वे, जॉगिंग पार्क, ईको पार्क, सिटिंग एरिया, चैक डेम आदि बनाए जाएंगे जिससे कि नदी का खोया हुआ वैभव लौटेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि द्रव्यवती प्रोजेक्ट की राह में आने वाली बाधाओं को प्राथमिकता से दूर किया जाए। प्रोजेक्ट के दूसरे चरण के लिए आवश्यक एन्वायर्नमेंटल स्वीकृति के काम को शीघ्र पूरा करें। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि मिलिट्री एरिया के समीप से गुजर रहे द्रव्यवती नदी क्षेत्र में रिवरफ्रंट के काम को तेजी से पूरा करने के लिए सेना के अधिकारियों से वार्ता करें।
-सिंगापुर के बॉटेनिकल गार्डन की तरह विकसित हाें उद्यान
राजे ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत विकसित होने वाले उद्यानों को सिंगापुर के बॉटेनिकल गार्डन जैसे विश्वप्रसिद्ध उद्यानों की तर्ज पर विकसित किया जाए। साथ ही स्थानीय पारिस्थितिकी का भी ध्यान रखते हुए स्थानीय जलवायु के अनुरूप पौधे लगाए जाएं। इसके लिए लैंडस्केपिंग के विश्वस्तरीय विशेषज्ञों की सलाह ली जाए। बैठक में टाटा प्रोजेक्ट्स के एमडी विनायक के. देशपांडे ने रिवर प्रोजेक्ट की अब तक की प्रगति की जानकारी देते हुए आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप द्रव्यवती नदी के सौंदर्यकरण और रिवरफ्रंट विकास के काम को निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाएगा। इस अवसर पर नगरीय विकास मंत्री श्रीचन्द कृपलानी, मुख्य सचिव ओपी मीना, अति. मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण एनसी गोयल, अति. मुख्य सचिव नगरीय विकास विभाग मुकेश शर्मा, जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त वैभव गालरिया सहित टाटा प्रोजेक्ट्स के अधिकारी भी उपस्थित थे।